अंबिकापुर (विश्व परिवार)। ड्रोन का इस्तेमाल आपने शादी में बहुत देखा होगा लेकिन अब ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में भी कर रही है। इसी कड़ी में ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण किया गया। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को एक बड़ी सौगात मिली है। सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में नए नए प्रयोग कर रही है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए ड्रोन टेक्लॉनजी को शामिल किया है। दरअसल पूरे देश में करीब 660 मेडिकल कॉलेज है जिसमें सरकार ने 25 मेडिकल कॉलेज को ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए चयनित किया है। 25 मेडिकल कॉलेज में से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज छत्तीसगढ़ राज्य का पहला मेडिकल कॉलेज है जिसको ये सौगात मिली है जिसका आज सफल परीक्षण किया गया। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज से 40 किलोमीटर दूर उदयपुर ड्रोन के माध्यम से सेम्पल भेजा गया। वही सफल लैंडिग के बाद उदयपुर सामुदायिक स्वस्थ केंद से ड्रोन को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रवाना किया गया । यहां सफल ड्रोन के लैंडिग के बाद मेडिकल कॉलेज के डीन का और मेडिकल स्टाफ में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 40 किलोमीटर दूर उदयपुर सामुदयिक स्वास्थ केंद्र से गंभीर मरीजों के ब्लड सैम्पल, मेडिसिन, मेडिकल किट के जांच के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए जाएगे, जिसका फायदा आपत्कालीन स्तिथि में गंभीर मरीजों को सही समय पर इलाज मिल पाएगा। ड्रोन को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्व सहायता समूह की दो दीदियों को दिल्ली में प्रशिक्षण दिया गया है जिसमें एक उदयपुर और एक अंबिकापुर में इस काम को करेंगी। ड्रोन टेक्नोलॉजी का ट्रायल आज से शुरुआत हो गई है जो चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने में ड्रोन टेक्नोलॉजी मिल का पत्थर साबित होगा।