- कार्रवाई के लिए आयकर विभाग ने मुख्य सचिव व डीजीपी को लिखा पत्र
- अंबिकापुर में बांग्लादेशी शरणार्थियों को जमीन देने के नाम पर जमीन घोटाला
- आयकर विभाग की जांच में सामने आया जमीन घोटाला
रायपुर(विश्व परिवार)– पहले ही कोयला घोटाले में आरोपित छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की जांच में एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है और इस घोटाले में अमरजीत भगत का नाम प्रमुखता से है। आयकर सूत्रों के अनुसार इस संबंध में कार्रवाई के लिए विभाग द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव व डीजीपी को पत्र भी लिखा है।
मालूम हो कि करीब डेढ़ माह पहले आयकर विभाग द्वारा पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के घर व ठिकानों पर छापामार कार्रवाई भी हुई थी और लगातार जांच की जा रही है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में पूर्व मंत्री की मुश्किलें और बढ़ सकती है। मालूम हो कि पिछले दिनों ईडी ने पूर्व मंत्री भगत को कोयला घोटाले में आरोपित भी बनाया है और इनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा चुकी है।
बांग्लादेशी शरणार्थियों को जमीन देने के नाम पर जमीन घोटाला
विभागीय सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की जांच में जमीन घोटाला सामने आया है, इसमें अंबिकापुर में बांग्लादेशी शरणार्थियों को जमीन देने के नाम पर जमीन घोटाला किया गया है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले के सामने आने के बाद ही आयकर विभाग ने कार्रवाई के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर कार्रवाई की अनुमति मांगी है। गौरतलब है कि करीब डेढ़ माह पहले 31 जनवरी को आयकर विभाग ने पूर्व मंत्री भगत व उनसे जुड़े करीबियों के ठिकानों पर दबिश भी दी थी। इस कार्रवाई के दौरान विभाग अपने साथ आवश्यक दस्तावेज जब्त कर ले भी गई थी।
35 पन्नों को गोपनीय पत्र में यह है उल्लेख
बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री के जमीन कब्जा करने के मामले को लेकर आयकर विभाग ने मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को 35 पन्नों का गोपनीय पत्र भेजा हुआ है। इसमें उल्लेखय किया गया है कि बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को अंबिकापुर के सुभाषनगर व उसके आसपास के क्षेत्रों में जमीन आवंटित की गई थी। इसी जमीन की खरीद बिक्री में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है।
इसके साथ ही इस पत्र में यह भी कहा गया है कि उस जमीन को एक आरा मिल व फर्नीचर शोरूम कारोबारी राजू अग्रवाल ने पूर्व मंत्री भगत से निकटता के कारण जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर कम कीमत पर बंगाली पट्टा खरीदने का सिंडिकेट चलाया। इसके बाद इसी जमीन को प्रीमियम कीमतों में भगत के रिश्तेदारों सहित अन्य व्यक्तियों को बेच दिया गया।
विभाग ने तैयार की विस्तृत रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने पूर्व मंत्री के खिलाफ विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की है। इसमें 1971 में भारत पाक युद्ध के बाद छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में आए बांग्लादेश के शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए बनी सरकारी जमीन पर कब्जा कर संपत्ति बनाने का आरोप है। आयकर विभाग ने जो पत्र लिखा है,उसमें इस बात का उल्लेख भी किया गया है।