Home विदिशा आचार्य श्री आर्जवसागर जी के दर्शनार्थ पधारे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान

आचार्य श्री आर्जवसागर जी के दर्शनार्थ पधारे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान

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पूर्व सीएम ने किया सिद्धांत भूषण पदवी से सम्मानित एवं प्रभावना कृति का विमोचन

विदिशा(विश्व परिवार) – विदिशा नगर में दिनांक 21 अप्रैल 2024 को आयोजितभगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती के शुभ पावन अवसर पर एवं आचार्य श्री आर्जवसागर जी महाराज के 37 वें मुनिदीक्षा दिवस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान जी सपत्नीक पधारे एवं पधारकर आचार्य श्री आर्जवसागर जी महाराज का मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया। एवं उन्होंने अपना उद्बोधन भी दिया।तदोपरांत पूर्व सीएम सहित भाव विज्ञान पत्रिका के संपादकों द्वारा आचार्य श्री रचित अनोखी कृति ‘प्रभावना’ का विमोचन भी किया गया। एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बहिन बहिन ऋषिका जैन को सिद्धांत भूषण पदवी से सम्मानित भी किया गया।

सिद्धांत भूषण पदवी सम्मान समारोह कार्यक्रम
भाव विज्ञान परीक्षा बोर्ड भोपाल द्वारा आयोजित सिद्धांत भूषण पदवी कोर्स में प्रथम स्थान इंजी. बहिन ऋषिका जैन (BE,MA,PHD संलग्न ) दमोह , द्वितीय स्थान श्रीमती ऋजुता w/o सजल जैन दमोह एवं तृतीय स्थान सी. पद्मावती कांचीपुरम तमिलनाडु नें प्राप्त किया।

” अहिंसा परमोधर्म” को अपनाओ भगवान महावीर का सिद्धांत जिओ और जीने दो” के सूत्र को जीवन में लाओ।भगवान महावीर स्वामी के जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर परआयोजित धर्मसभा को सम्वोधित करते हुये आचार्य श्री आर्जवसागर जी महाराज नें कहा कि विश्व को दिशा वोध देने वाली विदिशा नगरी में आज भगवान महावीर का जन्मकल्याणक महा महोत्सव मनाया जा रहा है।यह आप सभी का सौभाग्य है।उन्होंने कहा कि राजाओं की परपाटी में सम्राट चंद्रगुप्त मोर्य जैसे शासक हुये जिनके शासनकाल में ताले तक नहीं लगते थे।उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री; जिन्होंने कुंडलपुर बड़े बाबा को सम्मान पूर्वक स्थापित कराया और आचार्य गुरूदेव श्री विद्यासागरजी महाराज के भक्त बने रहे,एवं वर्षों तक अच्छा शासनकाल चलाया।
आचार्य श्री ने गुरु को याद करके दीक्षा महोत्सव की बात को करते हुये कहा कि आज से 36 वर्ष पूर्व आज ही के दिन मुनि श्री प्रमाण सागर जी आदि आठ मुनिराजों के साथ सोनागिर जी में मेरी मुनि दीक्षा आचार्य गुरूदेव विद्यासागर जी महाराज के करकमलों से हुई थी।
उन्ही से हम ब्रहम्चारी से लेकर छुल्लक, ऐलक बने एवं मुनि दीक्षा भी ली।मुनि दीक्षा लेकर एक वर्ष का मौन ब्रत लेकर साधना भी की थी।उन्होंने आचार्य श्री की महान कृपा का वर्णन करते हुये अनुग्रहित भाव रखे एवं गुरु शिष्य की परंपरा को आगे बनाये रखा गुरूदेव के सभी शिष्य एक से एक बड़े गुणी शिष्य है, सोलावानी के सोने के समान हैं।भगवान महावीर की परंपरा आगे चलती रहे उन्होंने शिवराज सिंह और उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह को आशीर्वाद देते हुये कहा कि धर्म से आप लोग जुड़े है और हमेशा जुड़े रहें। इस अवसर पर जैन समाज के संरक्षक एवं समाजिक कार्यों में समर्पित रहे वयोवृद्ध हृदयमोहन जैन का भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सम्मान किया।

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