Home  बिलासपुर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अंतिम दर्शन करने पहुंचे बिलासपुर के...

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अंतिम दर्शन करने पहुंचे बिलासपुर के अनुयायी

87
0

बिलासपुर  (विश्व परिवार)। बिलासपुर से रहा गहरा नाता विश्वविख्यात जैन संत शिरोमणि 108 आचार्य विद्यासागरजी महाराज महामुनिराज ने सल्लेखना पूर्वक समाधि (देह त्याग) ली। इस खबर के बाद रविवार की सुबह बिलासपुर में उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। 50 गाड़ियों का काफिला तत्काल उनके अंतिम दर्शन के लिए डोंगरगढ़ पहुंच गए। जैन समाज ने आचार्यश्री के सम्मान में अपने प्रतिष्ठान भी बंद रखे। सकल जैन समाज के सचिव अमरेश जैन ने बताया कि आचार्यश्री पिछले दो दिन से उन्होंने अन्न जल का पूरी तरह त्याग कर दिया था। आचार्यश्री अंतिम सांस तक चैतन्य अवस्था में रहे और मंत्रोच्चार करते हुए उन्होंने देह का त्याग किया।

बिलासपुर सहित देशभर के जैन समाज और उनके अनुयायियों में गहरा शोक है। रात को सूचना मिलते ही आचार्यश्री के अंतिम दर्शन करने हम सभी शिष्य डोंगरगढ के लिए रवाना हुए। बिलासपुर से लगभग 50 गाड़ियां यहां से गई थीं। यहां सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। आचार्य जी जी के समाज में उनके अमूल्य योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, विशेषकर लोगों में आध्यात्मिक जागृति के उनके प्रयासों, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए। बिलासपुर से उनका गहरा नाता रहा है। अखंड भक्तामर विधान, हवन, संमति विहार प्रतिष्ठा जैसे अनेक कार्यक्रमों में पहुंचे थे।
बिलासपुर से हुए काफी प्रभावित बताया गया कि आचार्यजी का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक प्रांत के बेलगांव जिले के सदलगा गांव में हुआ था। उन्होंने 30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर नगर में अपने गुरु आचार्यश्री ज्ञानसागर जी महाराज से मुनि दीक्षा ली थी। आचार्यश्री ज्ञानसागर महाराज ने उनकी कठोर तपस्या को देखते हुए उन्हें अपना आचार्य पद सौंपा था। आचार्यश्री पिछले चार-पांच वर्षों में लगातार बिलासपुर आते रहे। वे यहां के जैन समाज की भक्ति और समर्पण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना काफी समय व्यतीत किया। आचार्यश्री ने दीक्षाएं भी दी।

जैन मंदिर क्रांतिनगर में अखंड भक्तामर विधान मार्च 2022 में संत शिरोमणि परम् पूज्य आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज के स्वास्थ्य लाभ एवं विश्व के सभी जीवों के कल्याण के लिए मार्च 2022 में श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर क्रांतिनगर में 48 दिनों का अखंड भक्तामर विधान आयोजित किया गया था। इस हवन में सकल जैन समाज के सैकड़ों श्रावक सपरिवार शामिल हुए थे। इसी तरह 27 खोली में समंति विहार में प्राणप्रतिष्ठा के दौरान आचार्यजी बिलासपुर पहुंचे थे।
आचार्य पद पर 50 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष आवरण
जैन दिगम्बराचार्य विद्यासागरजी महाराज के आचार्य पद पर 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बिलासपुर जैन सभा ने भारतीय डाक विभाग, छत्तीसगढ़ परिमंडल, बिलासपुर संभाग के सहयोग से विशेष आवरण एवं चित्रमय विरूपण का अनावरण समारोह का आयोजन किया था। इनके विचार भारतीयता के प्रति अगाध निष्ठा, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यपरायणता से ओतप्रोत हैं। आपने समूचे देश के लोगों के मन में इंडिया नहीं, भारत बोलो , की अलख जगाई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here