टोरंटो (विश्व परिवार)। विश्व जैन संगठन कनाडा द्वारा श्री जैन मंदिर टोरंटो में संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रविवार 25 फरवरी को किया गया। सभा में मुख्य अतिथि भारत के कौंसल जनरल श्री सिद्धार्थ नाथ, जैन मंदिर के श्रद्धालु और कई हिंदू संस्थानों के प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे। सभा को ट्रस्टी श्री विदुर जैन ने पूर्ण सहयोग दिया। सभा को संबोधित करते हुए विश्व जैन संगठन कनाडा के संस्थापक और अध्यक्ष श्री विजय जैन ने आचार्य श्री के कठोर तप और भारतीय समाज के प्रति उनके योगदान का वर्णन किया ।जैन ने बताया कि आचार्य श्री ने अपने जीवन काल में कुल 500 से अधिक दीक्षा दी। आचार्य श्री ने हिंदी एवं संस्कृत साहित्य में अमूल्य योगदान दिया है। आचार्य श्री की प्रेरणा 150 से अधिक गौशालाओं में लाखो गायो को सरंक्षण दिया जा रहा है. आचार्य श्री ने अहिंसामयी कुटीर उद्योग की प्रेरणा दी। इसके फल स्वरुप हथकरघा का पुनरूत्थान हुआ। आज हज़ारों लोग हथकरघा पर काम कर रोजगार पा रहे है । आचार्य श्री की प्रेरणा से जेल में बंदियों को रोजगार मिला है और वो जेल से ही अपने परिवार को सपोर्ट कर पा रहे है । आचार्य श्री ने सदैव गौहत्या बंदी के लिए विशेष आग्रह किया। उन्होने अपने प्रवचनों में समाज को मातृभाषा, हिंदी, संस्कृत और संस्कृति से जुड़े रहने पर विशेष जोर दिया। जैन ने बताया आचार्यश्री को सच्ची विनयांजलि उनके द्वारा बताए गए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चल कर ही हो सकती है। समाज को जीवदया, गौशाला, हथकरघा जैसे प्रकल्पो से जुड़ने से ही आचार्यश्री को सच्ची श्रद्धांजली होगी। उन्हें गौहत्या बंदी और मास निर्यात पर बंदी का विशेष ध्यान देना चाहिए। जैन ने मुनि रक्षा के लिए कौंसल जनरल समक्ष एक प्रस्ताव रखा जिसे खूब सहारा गया। जैन मुनि साधु साध्वी पैदल नंगे पाव पूर्ण भारत मे भ्रमण करते है। आए दिन पर वाहनों द्वारा उनके अपघात की घटनाये सुनते है। ये बहुत दुर्भागयपूर्ण है| आचार्य श्री विद्यासागर जी के नाम से संपूर्ण भारत मे एक ट्रेल सिस्टम (पगडंडी) बनाया जाए जिस पर केवल पैदल लोग ही चले|उस पर कोई वाहन ना हो । हमारे सारे साधु संतों का इससे संरक्षण होगा|और यही आचार्य श्री के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कौंसल जनरल श्री सिद्धार्थ नाथ ने आश्वासन दिया कि वो ये सुझाव भारत सरकार तक पहुंचाएंगे। विश्व जैन संगठन कनाडा के अध्यक्ष श्री विजय जैन मूलतः राजस्थान डूंगरपुर में पाड़वा ग्राम से है जो पिछले 20 वर्ष विदेश में जा बसे हैं ।