Home इंदौर आचार संहिता के डर से व्‍यापारी नहीं रख रहे ज्‍यादा कैश, भुुगतान...

आचार संहिता के डर से व्‍यापारी नहीं रख रहे ज्‍यादा कैश, भुुगतान न मिलने से किसान परेशान

70
0

इंदौर(विश्व परिवार)आम चुनाव की आचार संहिता से मंडी में कारोबारी और उपज बेचने आने वाले किसान भी प्रभावित हो रहे हैं। चुनाव की घोषणा होने के बाद से मंडी में नकद भुगतान रुकने लगा है। मंडी में उपज बेचने वाले किसानों को दो लाख रुपये तक की राशि नकद ही देने का प्रावधान प्रशासन ने किया है। किसान शिकायत कर रहे हैं कि दो-तीन दिन से व्यापारियों ने नकद भुगतान से इन्कार कर दिया है। इस बीच कुछ कारोबारियों पर किसानों का भुगतान रोकने का आरोप लगा है।
किसानों के अनुसार मंडी प्रशासन कार्रवाई करने की बजाय खामोश बैठा है। आयकर के नियमों के अनुसार 20 हजार रुपये से ज्यादा राशि का भुगतान नकद नहीं किया जा सकता। हालांकि किसानों की फसल बेचने के मामले में आयकर के इस नियम से छूट है।

बीते वर्षों में विरोध और हंगामे के बाद मंडी में आने वाले किसानों की पहचान पत्र की प्रति लेकर दो लाख रुपये तक नकद भुगतान देने की छूट व्यापारियों की दी गई है। यह व्यवस्था चल रही है। आचार संहिता लगने के बाद व्यापारियों को डर लग रहा है कि वे रुपये लेकर अपने साथ चलेंगे तो पुलिस और निर्वाचन के अधिकारी उनकी जांच करेंगे और रुपये जब्त हो सकते हैं। इसी के चलते आचार संहिता लगने के बाद व्यापारियों ने नकद रुपये साथ लाना ही बंद कर दिया है। व्यापारियों के अनुसार एक-एक व्यापारी चार-पांच किसानों से माल खरीदता है। ऐसे में उसे 5-10 लाख रुपये तो नकद रखना ही पड़ते हैं। इतना नकद लेकर आचार संहिता के दौर में चलना परेशानी बढ़ा रहा है।

नगद भुगतान की व्यवस्था लागू करने की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव ने बताया कि पिछले तीन दिनों से मंडी में उपज लेकर आ रहे किसानों को नकद भुगतान नहीं हो पा रहा है। व्यापारी चुनाव का बहाना बना रहे हैं। वैवाहिक सीजन है और गांव में शादी ब्याह के चलते किसानों को पैसों की जरूरत है, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि वे नगद भुगतान नहीं कर पाएंगे। इस संबंध में किसान संगठनों ने इंदौर कलेक्टर को भी पत्र लिखकर आग्रह किया है कि नगद भुगतान की व्यवस्था को लागू करें।

व्यापारियों ने पैसा रोका

इस बीच मंडी में किसान शिकायत लेकर पहुंचे हैं कि कुछ व्यापारी उपज खरीदने के बाद सात-आठ दिनों में भी उनका भुगतान नहीं कर रहे हैं, जबकि मंडी के नियमों के अनुसार तुरंत या अधिकतम अगले ही दिन किसानों को उसकी उपज के भुगतान का नियम लागू है। मामले में कुछ किसानों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है। सूत्रों के अनुसार राजनीतिक प्रभाव रखने वाले बड़े व्यापारी कई दिनों तक किसानों का पैसा रखकर उसका उपयोग कर रहे हैं। इनमें कुछ व्यापारी एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी भी है। प्रभाव के चलते मंडी प्रशासन शिकायतों पर गौर नहीं कर रहा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here