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आचार संहिता हटने के बाद साय कैबिनेट की पहली बैठक शुरू, शिक्षकों के 33 हजार खाली पद भरने सहित कई मुद्दों पर चर्चा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल देंगे इस्तीफा

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रायपुर(विश्व परिवार)। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद साय कैबिनेट की पहली बैठक आज बुधवार को शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट चल रही है। कैबिनेट की बैठक करीब घंटे भर चलेगी। इस बैठक में सरकार रामलला दर्शन योजना और बलौदाबाजार हिंसा पर भी अहम फैसले ले सकती है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग में खाली पदों को भरने पर चर्चा हो सकती है। वहीं बैठक में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। वह विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि इस्तीफा देने के बाद भी वे शिक्षा मंत्री हैं। छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक इतिहास में यह पहली बार होगा जब कोई विधायक ना रहते हुए भी मंत्री हो और कैबिनेट की बैठक में शामिल हुआ हो।

कृषि विभाग से जुड़े बड़े फैसले लिए जा सकते हैं

आचार संहिता खत्म होने के बाद हो रही कैबिनेट बैठक में आम लोगों से जुड़े कई अहम फैसले लिए जाएंगे। माना जा रहा है कि इस बार कैबिनेट बैठक का बड़ा फोकस कृषि पर होगा। बारिश के साथ प्रदेश में खेती किसानी के काम तेज हो जाते हैं। किसानों के लिए खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर फैसले लिए जा सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर फोकस

प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में मौसमी बीमारियों के हालात भी बन सकते हैं। ऐसे में कैबिनेट की बैठक में डॉक्टर और दवाओं का पर्याप्त इंतजाम करने से जुड़ी चर्चा हो सकती है। वहीं, तेंदूपत्ता संग्राहकों को सरकार ने नगद भुगतान करने का फैसला लिया है। इस पर भी दिशा निर्देश बैठक में जारी किए जा सकते हैं।

बलौदाबाजार हिंसा प्रभावित लोगों के मुआवजे और तोड़फोड़ से हुए नुकसान की भरपाई करने के संबंध में भी बैठक में फैसला लिया जा सकता है।

शिक्षकों के 33 हजार खाली पद भरने पर कैबिनेट में मुहर संभव

शिक्षा विभाग में शिक्षकों के साथ ही बड़ी संख्या स्टाफ के पद भी खाली हैं। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूल शिक्षा विभाग संभालते ही अफसरों के साथ पहली बैठक में ही इस पर चर्चा की थी। इस वजह से उन्होंने विभाग की सबसे बड़ी जरूरत को ध्यान में रखते हुए पहले ही चरण में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की।

आज होने वाली केबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल सकती है। अग्रवाल ने इसके लिए बाकायदा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को नोट शीट भी भेजी है। साथ ही इसे उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी को भी मार्क किया है, ताकि शिक्षकों की भर्ती के लिए वित्त विभाग की ओर से तत्काल मंजूरी मिल सके।

अग्रवाल ने सीएम को बताया है कि प्रदेश में 78 हजार पद खाली हैं। इनमें से 33 हजार की घोषणा की गई है। भर्ती की अनुमति की नस्ती वित्त विभाग में लंबित है। शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया कई चरणों में प्रस्तावित है। इससे पहले भूपेश सरकार ने लगभग 14 हजार नियमित शिक्षकों की भर्ती की थी। जबकि शिक्षकों को एलबी शिक्षक के रूप में नियुक्ति दे दी गई।

उनकी भर्ती निकायों ने नहीं शिक्षा विभाग ने की है। वे अभी दो साल की प्रोबेशन पीरियड में हैं।

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