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आज की मनुष्य के पास सबके लिए समय है किंतु स्वयं के लिए समय नहीं है वीरसागर महाराज

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दमोह(विश्व परिवार)| आज के मनुष्य के पास सबके लिए समय है किंतु स्वयं के लिए समय नहीं है वह अपने व्यापार परिवार और बच्चों के लिए समय तो निकाल लेता है किंतु स्वयं के लिए समय नहीं निकाल पाता वह स्वयं का आत्म अवलोकन नहीं कर पाता। स्वयं के दुख तनाव आदि को नहीं समझ पाता। उसका मूल्यवान समय फालतू के कार्यों में व्यतीत होता है।
 मोबाइल और टीवी आदि के सीरियल और गेम्स अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर देता है आज के मनुष्य के पास काम कोड़ी का नहीं और फुर्सत घड़ी भर की भी नहीं है अखबार आदि से उसके जीवन में नकारात्मकता आती है सकारात्मक का अभाव होता जा रहा है मनुष्य ने अपने दिमाग को डस्टबिन की तरह बना लिया है फिजूल की बातों से वह उसे भरता रहता है दिन भर फालतू की बातों से मन में मनोरोग उत्पन्न होने लगते हैं।
 अखबारों और पत्रिकाओं में चोरी डकैती मारपीट आदि घटनाएं नेगेटिव न्यूज़ उसका पतन कर देती मात्र कुछ समय की नेगेटिव फीडिंग उसके दिमाग पर लंबे समय तक इफेक्ट  डालते हैअवचेतन मन में नकारात्मक बातें उसके जीवन को प्रभावित करने लगती है जिससे दिमाग में अच्छे विचार पैदा नहीं होते और मन गलत दिशा में फिसलने लगता है इसका मूल कारण प्रतिदिन बुरी घटनाएं मन में भर्ती जाते मन में कचरे के पहाड़ बनते जा रहे हैं जो कि मनुष्य के जीवन को अत्यधिक प्रभावित करते हैं हालांकि एक माचिस की तीली से जिस तरह कचरे के कितने भी पहाड़ को बहुत कम समय में समाप्त किया जा सकता है इस तरह एक अच्छे विचार से मन के कचरे को भी समाप्त किया जा सकता है मनुष्य को अंतर मुहूर्त में केवल ज्ञान हो जाता है तो अपने ध्यान अग्नि से कर्मों के पहाड़ को क्षण भर में नष्ट कर सकता है इसके लिए हमें अपने भीतर जागरूकता लानी होगी हमें अपने दिमाग में किसी को भी गलत बातों का कचरा डालने की अनुमति नहीं देनी होगी जो बचना चाहे उसे बचाया जा सकता है किंतु जो सुसाइड करना चाहे उसे नहीं बचा सकते।
 अच्छी सोच और अच्छे विचारों से ही जीवन को उत्कृष्ट बना सकते हैं
उपरोक्त विचार निर्यापक मुनि श्री वीर सागर जी महाराज ने  दिगंबर जैन धर्मशाला में चल रहे शिविर में प्रातः काल 6:00 अपने जीवन जीने की कला की क्लास में अभिव्यक्त किए जैन धर्मशाला में चल रहे शिविर में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण शिविर की विभिन्न कक्षाओं का लाभ ले रहे नगर की विभिन्न कॉलोनी के भक्तगण बहुत उत्साह पूर्वक 5:00 बजे से कक्षाओं में पहुंच रहे 8:00 आयोजित भक्तांबर कक्षा में निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के द्वारा बहुत ही प्रभावशाली ढंग से भक्तामर स्त्रोत का पाठ हो रहा है इसके पूर्व मुनि संघ के पद प्रक्षालन का सौभाग्य दिनेश सेठ परिवार सिविल वार्ड को प्राप्त हुआ मुनि संघ को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सीमा सुनील वेजीटेरियन परिवार को प्राप्त हुआ इस अवसर पर एकलव्य विश्वविद्यालय के द्वारा द्वादश वर्षी जैन पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय के द्वारा मान्यता प्रदान करने एवं डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रदान करने की घोषणा की गई इस प्रयास की निर्यापक मुनि श्री ने प्रशंसा करते हुए कहा कि जयंत मलैया एवं सुधा मलैया के प्रयासों से प्रारंभ हुए विश्वविद्यालय में जेनेलोलॉजी स्टडी को सम्मिलित किए जाने से बहुत प्रोत्साहन प्राप्त होगा समाज को इस तरह के धर्म प्रभावना के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए
मुनिश्री ने भक्तांबर की क्लास में अपने उद्बोधन मैं कहा कि सच्चे जेनी को कभी भूत प्रेत आदि  बाधाएं परेशान नहीं कर सकती।

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