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”आरंभ जैन” यूथ मीट एवं करियर काउंसलिंग के एक दिवसीय भव्य निःशुल्क शिविर में बच्चे एवं युवा हुए शामिल

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दुनिया में सबसे ज्यादा कंपटीशन हिंदुस्तान में है और आगे बढ़ने के लिए विकल्प सिर्फ शिक्षा की सीढ़ी है:- सुनील जैन (आई.ए.एस)

वस्तु का स्वभाव ही धर्म है एवं धर्म की माध्यम से हम सुख की प्राप्ति कर सकते हैं:- ब्र. सुनील भैया जी

रायपुर(विश्व परिवार)। परम पूज्य संत शिरोमणि समाधिस्थ आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के महान उपकारों को स्मरण करते हुए वर्तमान आचार्य पूज्य गुरुदेव 108 श्री समय सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से युवाओं में जीवनोपयोगी संस्कारों का बीजारोपण करने एवं कैरियर संबंधी संभावनाओं को उजागर करने श्री दिगंबर जैन समाज पंचायत सेवा समिति ,शंकर नगर,रायपुर के तत्वावधान में आरंभ जैन यूथ मीट एवं करियर काउंसलिंग अभी तक का सब से बड़ा एक दिवसीय ग्रीष्म कालीन शिविर का आयोजन दिनांक 25 मई शनिवार 2024 रात्रि 07:00 बजे वृंदावन हॉल, सिविल लाइन्स,रायपुर में किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज जी की छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ, दीप प्रज्जुलन श्री दिगंबर जैन मंदिर शंकर नगर समिति के सदस्य,महिला मंडल एवं आमंत्रित अतिथियों द्वारा किया गया, तत्पश्चात मंगलाचरण गीत छोटे बच्चो ने प्रस्तुत किया मंगलाचरण माही जैन (छात्रा प्रतिभास्थली चंद्रगिरी डोंगरगढ़)
एवं एकांश बाकलीवाल द्वारा मोटिवेशन गीत “तू लाख बार गिरेगा जिंदगी के मैदान में तू है वो कश्ती जो ना हार माने तूफ़ा में” गाकर एक संदेश प्रस्तुत किया।
मंदिर समिति के सभी सदस्यों व महिला मंडल द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह देकर किया गया। कार्यक्रम के मार्गदर्शक ब्रह्मचारी सुनील भईया (डीजीएम बीएसएनएल) के साथ मुख्य अतिथि श्री सुनील कुमार जैन जी “अजमेरा” (आई.ए.एस.) विशेष सचिव ऊर्जा विभाग,खनिज विभाग प्रबंध संचालक एवं जल जीवन प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ शासन, विशिष्ट अतिथि श्री अनिल जैन जी पूर्व सदस्य, अल्पसंख्यक आयोग, छत्तीसगढ़ के साथ शिक्षाविद एवं मोटिवेशनल स्पीकर विजय चोपड़ा, करियर काउंसलर एवं साइकोलॉजिस्ट शिवाली श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित आमंत्रित अतिथियों में मुख्य अतिथि श्री सुनील कुमार जैन जी “अजमेरा” (आई.ए.एस.) विशेष सचिव ऊर्जा विभाग,खनिज विभाग प्रबंध संचालक एवं जल जीवन प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ शासन ने अपने वक्तव्य में बताया की दुनिया में सबसे ज्यादा कंपटीशन हिंदुस्तान में है और आगे बढ़ने के लिए विकल्प सिर्फ शिक्षा की सीढ़ी है, आज आगे बढ़ने के लिए जिस व्यक्ति के पास व्यापारिक बैकग्राउंड, राजसी परिवार से संबंध नहीं है, पैसे का आभाव है, उसके लिए शिक्षा ही प्रमुख साधन होती है जिसके आधार पर वह आगे बढ़ सकता है। शिक्षा का मतलब केवल नौकरी पा जाना ही नही होती। पूरी दुनिया में शिक्षा के लिए सब से ज्यादा प्रतिस्पर्धा केवल भारत में ही है। शिक्षा का उद्देश्य अपने आप को सीमित करने का नही होना चाहिए। समय और परिस्थिति के हिसाब को सभी को बदलना आवश्यक है। स्कूल के समय में जो लोग हम से सभी चीजों में आगे थे आज वो कुछ नहीं है और जो कुछ नहीं थे वो बहुत कुछ बन गए है। नंबर कम आना या ज्यादा आना किसी की योग्यता की पहचान नहीं है। हर किसी को अपनी क्षमता का आकलन जरूर करना चाहिए और उसी के अनुसार कार्य करना चाहिए ताकि वह अपने जीवन में सफल हो सके।

वस्तु का स्वभाव ही धर्म है एवं धर्म के माध्यम से हम सुख की प्राप्ति कर सकते हैं:- बाल ब्रहमचारी सुनील भैया जी

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य बाल ब्रह्मचारी सुनील भईया ने अपने वक्तव्य की शुरुआत सर्वप्रथम पांचवे तीर्थंकर भगवान सुमतिनाथ स्वामी का स्मरण कर सभी को सुमति की प्राप्ति हो ऐसी भावना भाते हुए धर्म और कर्म के बीच में कैसे सामंजस्य बिठाया जाये इस पर सभी का ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने बताया कि धर्म क्या है? वस्तु का स्वभाव ही धर्मे है, जैसे एक डॉक्टर का धर्म मरीज को ठीक करना है, पानी का धर्म शीतलता करना है, ऐसे ही हर एक जीव का धर्म सुखी होना, सुख पाना है, हर व्यक्ति सुख पाना चाहता है
और वह सुख उसे धर्म के माध्यम से प्राप्त हो सकता है।
उन्होंने विभिन्न उदहारण के माध्यम से धर्म के मर्म को समझाया, उन्होंने बताया कि यदि हम एक पुस्तक पढ़ते हैं तो उसे कम से कम तीन बार पढ़ना चाहिए क्योंकि पुस्तक पढ़ने में हर बार कोई ना कोई नई चीज निकलती है उसे ही हम कहते हैं अनेकांतवाद
और यही जैन धर्म का सिद्धांत भी है।
भैया जी ने विद्यार्थियों मुझे गए प्रश्नों का भी मार्मिक उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट किया।

धर्म की छाव में ही रहकर अपना कैरियर बनाना होगा :– अनिल जैन
अनिल जैन पूर्व सदस्य अल्प संख्यक आयोग ने अपने वक्तव्य में बताया की आज के प्रतिस्पर्धा के युग में 2 कदम चलने के लिए 4 कदम आगे चलने की तैयारी करना होगा।निरंतर नए विषय आ रहे है करियर काउंसलर को भी नई नई चीजे सीखना होगा। सर्वप्रथम शुरुवात घर से करनी होगी।माता पिता की बात माननी पड़ेगी। बच्चो बडो सभी के लिए उनके उम्र के हिसाब से बात करनी होगी।आज जैन धर्म के मर्म को अपने जीवन में शामिल करना होगा। धर्म की छाव में रहकर अपना करियर बनाना होगा। सफलता के लिए अपनी रुचि देखना होगा और लक्ष्य निर्धारण करना होगा। उसके साथ अपना आत्म विश्वास को मजबूत बनाना पड़ेगा।हर गलती से सिख लेकर नए सिरे से आगे बढ़ना होगा। उम्र के पड़ाव में गलतियां होगी। नकारात्मकता से बचना होगा। बात चित की कला भी आनी चाहिए ।समय प्रबंधन जीवन का महत्वपूर्ण पहलू है उसका विशेष ध्यान रखना होगा।सफल असफल होने वाले दोनो बच्चो को 24 घंटे मिलते है सभी को जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। मस्तिष्क के साथ साथ शरीर को भी स्वस्थ रखना भी आवश्यक है। व्यावहारिक शिक्षा को भी शामिल करना अत्यंत आवश्यक है। ईश्वर में आस्था मानव जीवन को उद्देश्य प्रदान करती है।

उपस्थित विजय चोपड़ा करियर काउंसलिंग विशेषज्ञ एवं मोटिवेशन स्पीकर ने बताया की
करियर काउंसलिंग विषय हर व्यक्ति के लिए है। इंट्रेस्ट, स्कोप , फ्रैंड फैमिली पेरेंट्स, के अलावा अपनी पर्सनैलिटी के आधार में करियर चुनना है। करियर के लिए आप की रुचि किस चीज में यह सबसे महत्त्वपूर्ण बात है। इन सब के अलावा फाइनेंस का भी ध्यान रखना होगा। करियर चुनने के पहले हर स्टूडेंट को परीक्षा के दौर से गुजरना होगा।परीक्षा को हौव्वा न बनने दे उस पर हावी हो जाइए। लक्ष्य का निर्धारण करने के बाद दिन रात एक करना होगा। असफलता में ही सफलता छुपी है। ठोकर खाने के बाद ही आदमी सीखता है। असफलता से घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चो के माता पिता को स्मार्ट पेरेंटिंग करना होगा। अपनी इच्छाओं को बच्चो पर न थोपे। अपनी असफलता बच्चो में नही देखे अपने बच्चो की तुलना दूसरे बच्चे से न करे। बच्चो में सहनशीलता धैर्य की कमी निरंतर होते जा रही है। परिजनों के साथ धार्मिक स्थल अवश्य जाए और समाज के प्रमुखों वरिष्ठ जन से निरंतर मिले।

कैरियर काउंसलर एवं साइकोलॉजिस्ट श्रीमती शिवाली श्रीवास्तव ने उपस्थित सभी स्टूडेंट्स का कैरियर को लेकर मार्गदर्शन किया उन्होंने बताया कि हम कैसे किसी गोल को अचीव कर सकते हैं एवं हमें किन सावधानियां को ध्यान में रखकर अपने टारगेट सेट करना चाहिए, उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए केरियर से संबंधित सवालों का सटीक निराकरण करते हुए उनकी शंकाओं का समाधान किया सभी स्टूडेंट्स के लिए उनका सेशन बहुत ही इंटरएक्टिव रहा। श्रीमती श्रीवास्तव ने उनके द्वारा प्रारंभ किए गए सेंट्रल इंडिया के पहले मेंटल हेल्थ स्टार्टअप की जानकारी भी प्रदाय की गई जिसका नाम BetterSpace के नाम से जाना जाता है।

कार्यक्रम में लगभग 100 बच्चो एवं उनके अभिभावकगण उपस्थित रहे उन्होंने आयोजन की बहुत प्रशंसा की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के किए जाने की मांग भी की ताकि विद्यार्थियों को समय से पर उचित मार्गदर्शन मिलता रहे जिससे वे अपने जीवन को सफल बना सकें।

कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष रुप से श्री मनीष जैन, श्री अजय जैन रेलवे, श्री विजय कस्तूरे, श्री अमित जैन गोईल, श्री संतोष जैन- श्रीमती माया जैन, श्रीमती आभा जैन,श्री सुधांशु जैन, श्री विपुल जैन, श्री अभिताप जैन, श्री अमित जैन, श्री देवेंद्र जैन (सीए), प्रतीक जैन(सी एस) , स्नेह जैन, सुजीत जैन, स्वतंत्र जैन, प्रसंग जैन, विनय जैन, सोनल मनीष जैन आदि का सहयोग रहा। मंच का संचालन विजय जैन कस्तूरे द्वारा किया गया। सभी का आभार ज्ञापित श्री दिगंबर जैन मंदिर शंकर नगर समिति अध्यक्ष श्री मनीष जैन द्वारा किया गया।

 

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