Home मध्य प्रदेश इच्छाओं के निरोध का नाम ही तप है- मुनि सौम्य सागर

इच्छाओं के निरोध का नाम ही तप है- मुनि सौम्य सागर

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पंच कल्याणक महोत्सव के चतुर्थ दिवस पूर्ण भव्यता से मनाया गया तप कल्याणक महा महोत्सव

जतारा(विश्व परिवार) | श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र आदिश्वर धाम जतारा के श्री शांति विद्यानगर के नवीन जिनालय में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिवस भगवान के तप कल्याणक महोत्सव की प्रातः बेला में, परम पूज्य मुनि श्री सौम्य सागर जी महाराज ने तप के बारे में बताते हुए कहा कि इच्छाओं के निरोध करने का नाम ही तप है । तपस्या से बढ़कर सुकून देने वाला कोई दूसरा सुख नहीं है, हम सभी लोग हमेशा सुख को चाहते हैं परंतु काम ऐसे करते हैं कि दुख अपने आप तैयार हो जाते हैं । इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए संसारी प्राणी दिन-रात भाग दौड़ कर रहा है इच्छाओं की पूर्ति करते-करते जिंदगी निकल जाती है परंतु यह इच्छाये कभी पूरी नहीं हो पाती बल्कि बढ़ती ही चली जाती है । पूज्य महाराज श्री ने कहा कि दुनिया में ऐसे भी लोग होते हैं जो काम का श्रेय लेने के लिए सदैव आगे रहते हैं, परंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो चुपचाप काम करते रहते हैं और कभी भी सामने नहीं आते, वास्तव में ऐसे लोगों के द्वारा किया गया अच्छा कार्य एक बहुत बड़े तप के समान होता है ।मुनि श्री ने कहा कि पाने की लालसा का त्याग करना ही तप है, उन्होंने कहाआप सभी पंथी तो भले ही बन जाना परंतु अपने-अपने पंथ अथवा अपने-अपने धर्म का कट्टरपंथी मत बनना, अपनों के आने पर समय का पता नहीं चलता है परंतु समय के आने पर अपनों का पता जरूर चल जाता है, इसलिए अपने आप को पहचाने, समय को पहचाने और स्वयं को संयम और त्याग के मार्ग पर ले जाए ताकि हमारा आत्म कल्याण हो सके ।
भारतीय जैन संगठन तहसील अध्यक्ष एवं जैन समाज उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन ने बताया कि दोपहर कालीन वेला में राजा आदि कुमार के तप (दीक्षा) के दृश्यांकन को सौरभ जैन एंड पार्टी दिल्ली द्वारा बहुत ही खूबसूरती से पेश किया गया, कल्पवृक्ष की समाप्ति पर राजा आदि कुमार द्वारा प्रजा को जीवन यापन हेतु षट्कर्म- असि,मसि,क्रषि,शिल्प, वाणिज्य,और कला का ज्ञान दिया गया, उसके बाद राजा आदि कुमार के साथ 4000 राजाओं ने भी जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण की । संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान धर्मवीर एंड पार्टी भोपाल द्वारा अपनी मधुर स्वर लहरियों से दर्शकों को बांधे रखा । पंचकल्याणक की धर्म सभा का कुशल संचालन प्रतिष्ठाचार्य श्री अशोक भैया जी द्वारा किया गया । इस अवसर पर ललितपुर, बंधा जी, टीकमगढ़, लिधौरा सहित लगभग एक दर्जन नगरों से आये सैकड़ो लोगों ने महाराज श्री को चातुर्मास हेतु श्रीफल भेंट किये गये । धर्म सभा में प्रमुख रूप से खरगापुर विधायक श्रीमती चंदा सुरेंद्र सिंह गौर, नगर पंचायत अध्यक्ष रामजी नायक, पार्षद बाबूलाल गुप्ता, इंजीनियर संतोष जैन, महेंद्र टानगा, सुरेश मोदी, वीरेंद्र ठेकेदार ,प्रकाश रोशन , विजय जैन सगरवारा ,पवन मोदी, सुनील बंसल,शैंकी बुखारिया,जूली सिंघई ,प्रियंक जैन मांची विमल जैन माते सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे ।

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