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एनएमडीसी बचेली में भूवैज्ञानिक प्रमथ नाथ बोस के जन्मदिवस समारोह का आयोजन एवं माल्यार्पण…

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बचेली। एनएमडीसी, बचेली कॉम्प्लेक्स के निक्षेप क्र 5 में दोहपर 12.15 बजे श्री पी एन बोस (भूवैज्ञानिक) का जन्मदिवस एवं माल्यार्पण समारोह बचेली परियोजना प्रमुख श्री बी वेंकटेश्वरलु, अधिशासी निदेशक की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर श्री जी घोरई, महाप्रबंधक (यांत्रिकी), श्री टी शिवा कुमार महाप्रबंधक (खनन)/ खान प्रबंधक, श्री श्रीधर कोडाली, महाप्रबंधक (खनन), श्री जे सी दास, महाप्रबंधक (यांत्रिकी), श्री धरमराज, विभागाध्यक्ष, निक्षेप क्र. 5, श्री जनार्दन वर्मा, विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग, एनएमडीसी बचेली के विभिन्न विभागाध्यक्षगण, श्रमिक संघों के पदाधिकारीगण, विभिन्न विभागों अधिकारी एवं कर्मचारी, ठेका श्रमिकों इत्यादि की उपस्थिति रही।

इस वर्ष एनएमडीसी, बचेली में श्री पी एन बोस का 170वां जन्मदिवस मनाया गया। ज्ञातव्य है कि प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक श्री पी. एन. बोस (प्रमथ नाथ बोस) की प्रतिमा का अनावरण एनएमडीसी, बचेली के निक्षेप क्रमांक 5 में अधिशासी निदेशक श्री बी. वेंकटेश्वरलु के करकमलों से विगत वर्ष संपन्न हुआ था। श्री पी. एन. बोस ने सन 1899 से 1903 तक बैलाडीला (बस्तर) क्षेत्र में कार्य किया एवं बैलाडीला आयरन ओर निक्षेपों की खोज की। श्री बोस के इस अन्वेषण से ही बैलाडीला क्षेत्र में लगभग 14 लौह अयस्क निक्षेपों का पता चला। इसी के फलस्वरुप एनएमडीसी ने यहां उत्खनन का कार्य आरंभ किया एवं पिछले लगभग 60 वर्षों से निरंतर लौह अयस्क का उत्खनन एनएमडीसी द्वारा किया जा रहा है। श्री प्रमथ नाथ बोस के जन्मदिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री बी वेंकटेश्वरलु ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “श्री पी एन बोस के काम ने भारत की औद्योगिक यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर स्टील उद्योग में। टाटा स्टील ने जमशेदपुर में पी.एन. बोस जियोलॉजिकल सेंटर की स्थापना करके उनके योगदान को मान्यता दी है, जो भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं को समझने और खनन इतिहास का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। 1899 से 1903 तक बैलाडीला (बस्तर) क्षेत्र में बैलाडीला आयरन ओर निक्षेपों की खोज कर उन्होंने इस क्षेत्र के औद्योगिक स्वरूप की नींव को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने श्री बोस के महत्वपूर्ण योगदानों के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट किया।

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