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किसान आंदोलन का असली सच!, मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को नीचे लाना मकसद, भाकियू प्रधान डल्लेवाल

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इंदौर  (विश्व परिवार)। तीन दिन से पंजाब-हरियाणा की सीमा पर दो किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर और पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी जमे हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल के एक वीडियो के सामने आने के बाद अब इस आंदोलन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल यह कि क्या यह आंदोलन किसानों के हक के लिए है या फिर नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को कम करने के लिए।
दरअसल, जगजीत सिंह डल्लेवाल एक वीडियो में कहते हुए दिख रहे हैं कि राम मंदिर के बनने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बहुत तेजी बढ़ गई है। अब उसको नीचे लेकर आना होगा।

डल्लेवाल ने वीडियो पर नहीं दी प्रतिक्रिया

वीडियो में डल्लेवाल कह रहे हैं कि मैं गांव में बात करता था मौका बहुत थोड़ा है और मोदी का ग्राफ बहुत ऊंचा है। क्या थोड़े दिनों में हम ग्राफ को नीचे लेकर आ सकते हैं। इस वीडियो के बारे में उनसे बात की तो उन्होंने न इसको सही बताया है और न ही गलत बताया है। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति सरकार का व्यहार ठीक नही है। किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए मोर्टार से हमला किया है।

वीडियो से पूरे आंदोलन की मंशा पर सवाल

डल्लेवाल के इस वीडियो के वायरल होने के बाद किसान आंदोलन के पीछे की राजनीति पर सवाल खड़े हो गए हैं। यह बात समझ नहीं आ रही कि इस तरह का उग्र आंदोलन आखिर इतने कम समय में कैसे खड़ा हो गया। 2020 में जब तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, तब उसमें 34 किसान संगठन शामिल हुए थे। इस आंदोलन में 2 ही किसान संगठन शामिल हैं।

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