रायपुर (विश्व परिवार)। शहर के डे बोर्डिंग विद्यालय कांगेर वैली अकादमी में वार्षिकोत्सव हुर्रा और कांफेटी का आयोजन हुआ | जिसका थीम सस्टेनेबल
डेवलपमेंट गोल रखा गया था | दो दिन तक चलने वाले इस
कार्यक्रम में पहले दिन छोटे बच्चों के लिए कलाईडोस्कोप और
दुसरे दिन ग्रीन गाथा के नाम से रंगारंग प्रस्तुति दी गयी |
पहली शाम के कलाईडोस्कोप में मुख्य अतिथि इंदिरा कला संगीत
विश्व विद्यालय की उप कुलपति पद्मश्री श्रीमती ममता चंद्राकर
उपस्थित रहीं | श्रीमती चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में विद्यालय की
प्रशंसा करते हुए कहा कि प्राकृतिक परिसर के साथ साथ कला और
संगीत की व्यवस्थित ढांचे में बच्चों को शिक्षा उपलब्ध हो रही है
यह सभी बच्चों और पालको के लिए सौभाग्य की बात है| अपने
द्वारा गाये गए गीत अरपा पैरी के धार….को बच्चों से सुनकर
भावुक होकर कहा की छत्तीसगढ़ की संस्कृति में प्रकृति की
सुन्दरता और इसकी रक्षा के सिद्धांत समाहित हैं |
दूसरी शाम की ग्रीन-गाथा के मंच पर छत्तीसगढ़ शासन के केबिनेट
मंत्री श्री ओमप्रकाश चौधरी बतौर मुख्यातिथि साथ ही विद्यालय
के संरक्षक श्री स्वरूपचंद जैन,मार्गदर्शक श्री रतनलाल जैन,
उपस्थित रहे |
श्री चौधरी ने कार्यक्रम की थीम ग्रीन गाथा पर अपनी बात रखते
हुए कहा कि प्रकृति में सभी जीवों का कल्याण छुपा है हम सब एक
दुसरे से सहस्तित्व के साथ जुड़े हैं | यही कारण है कि भारतीय
सभ्यता में प्रकृति को माता के रूप में स्वीकार किया गया है|आज
हम सबको अपने इकोसिस्टम को बरकरार रखने के लिए प्रकृति के
साथ वापस जुड़ना पडेगा | बच्चों की सांस्कृतिक पस्तुति की
सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सभी प्रस्तुतियां ग्रीन गाथा
थीम को साकार करती हैं जिसके लिए सभी बच्चे,शिक्षक और पूरा
विद्यालय परिवार बधाई का पात्र है |
विद्यालय के संरक्षक श्री स्वरूप चंद जी जैन ने कहा कि मनुष्य
जाति के साथ साथ-साथ जीवन से जुडी प्रत्येक इकाई प्रकृति के
साथ जुडी है जहाँ परस्पर सहयोग की भावना के साथ इको सिस्टम
बना हुआ है | हमें अपनी जीवन चर्या में बदलाव के साथ प्रकृति
और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना होगा |
इस वार्षिकोत्सव में विद्यालय के बच्चों को विशिष्ट पुरस्कार दिया
गया | श्रेष्ठ विद्यार्थी का पुरस्कार प्री प्रायमरी से चिराह अग्रवाल
,प्रायमरी से वरन अग्रवाल,सेकेंडरी से गुंजन चेतन राहंगडाले को
मिला | खेलों में श्रेष्ठ टीम रूबी और एमरल्ड सदन को पेलेडिंयन
ट्राफी ,और श्रेष्ठ एकेडमिक जेम ऑफ़ जेम्स पुरस्कार सित्रीन सदन
को मिला |
सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को मुख्य
आधार मानकर ग्रीन गाथा के रूप में अपनी प्रस्तुतियाँ दीं जिसमें
प्रकृति की रक्षा से मानव जीवन की सुरक्षा का मूल मंत्र समाया था
| जहाँ नृत्य नाटिका की प्रस्तुति से सृष्टि के पंच तत्वों के महत्व
बताया गया | नाटक के माध्यम से उत्तराखंड चिपको आन्दोलन के
माध्यम से वनों की अंधाधुंन कटाई से होने वाली हानियाँ दिखाई
गयी | नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रदूषण से धरती में होने वाले
खतरों को बताया गया | जिसमें जंगली जीव जंतु और
पारिस्थितिक तंत्र को बचने का सन्देश दिया गया | बच्चों ने अनेक
नृत्यों के माध्यम से धरती की प्राकृतिक सुन्दरता की ओर सभी का
ध्यान अपनी ओर खींचा | यह ग्रीन गाथा का पूरा कार्यक्रम
सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर केन्द्रित था | जिसमें यह सन्देश था
कि हम अपने दैनिक जीवन में जो गतिविधियाँ करते हैं उनमें
प्रकृति को हानियाँ अधिक होती हैं | हमने अब तक केवल अपने
विकास के लिए प्रकृति को ही हानियाँ पहुँचाई है | जबकि हम
प्रकृति पर ही आश्रित हैं| प्रकृति हमें शुद्ध हवा, पानी, भोजन देती
है और बदले में मनुष्य उसे केवल प्रदूषण देता है |
हमें अपने विकास के मायने बदलने होंगे जिसमें प्रकृति को
नुकसान पहुँचाये बिना विकास होता रहे |
दोनों दिनों इस कार्यक्रम में कांगेर वैली सोसायटी के चेयर मेन श्री
संजय जैन,सचिव श्रीमती राखी जैन,सदस्य सुश्री सारा जैन,रिया
जैन, महानदी एडुकेशन सोसायटी के सचिव शैलेन्द्र जैन,सदस्य
श्रीमती संगीता जैन,शुभिका जैन,विद्यालय के निदेशक श्री के
मोहंती, प्राचार्य श्री अभिजित दास, उपप्राचार्य श्रीमती सरिता
नायक और भारी संख्या में बच्चों के पालक उपस्थित थे |
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