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गृह मंत्री विजय शर्मा बोले- ‘फर्जी केस में जिस जेल में डाला गया, उसी जेल का किया निरीक्षण, ये लोकतंत्र की खूबसूरती’

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रायपुर(विश्व परिवार)छत्‍तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ये लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि फर्जी केस बनाकर मुझे जिस जेल में डाला गया, गृह मंत्री होने के नाते मैं उसी जेल का निरीक्षण करने गया। विजय हिंदुत्व को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा में रहे हैं। 2021 में कवर्धा में हुए झंडा विवाद के बाद दंगा फैल गया था। इसी दंगे को लेकर विजय शर्मा को जेल जाना पड़ा था।
उनका कहना है कि ये लोकतंत्र व भाजपा के कार्यकर्ताओं की ताकत है। दुनिया में अलग-अलग तरह के सुख सुने थे, उनमें से एक सुख मुझे महसूस हुआ है जो न जाने कितना विरला होगा। वह यह है कि जिस गरीबों के मकान के लिए मैंने मोर आवास, मोर अधिकार आंदोलन किया और जब सरकार बनी तो पहली कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में लिखा हुआ था कि 18 लाख आवास सरकार बनवाएगी। इसकी स्वीकृति देने में मेरा भी हस्ताक्षर रहा। यह ऐसा आंदोलन था जिसके लिए लाठियां खाई, सड़क पर घसीटा गया तो पीठ तक छिल गई थी।

बिरनपुर के ईश्वर साहू को मैंने देखा कि अपने बेटे की हत्या के बाद वह पीड़ित रहे, न्याय की गुहार लगाते रहे। लोकतंत्र ने उन्हें विधायक बनाकर इतना सक्षम बना दिया कि वह अपना न्याय खुद कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अभी दो कार्यकाल तक जो काम किया है वह ट्रेलर है अभी फिल्म बाकी है। नौजवानों को 2047 से 2050 तक के बदले हुए भारत के लिए वोट करना चाहिए। पेश है राज्य ब्यूरो प्रभारी संदीप तिवारी व उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के बीच हुई बातचीत के प्रमुख अंश:

सवाल: विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कवर्धा में हुए भगवा विवाद और बेमेतरा के बिरनपुर में ईश्वर साहू के बेटे की सांप्रदायिक हिंसा में हुई हत्या को बड़ा मुद्दा बनाया, अभी लोकसभा में क्या मुद्दे हैं?

जवाब: मुझे स्पष्ट करना होगा कि आप किस तरह से सोचते हैं कि केवल कवर्धा में हुए भगवा विवाद से मोहम्मद अकबर हार गए। ये वही कांग्रेस के मोहम्मद अकबर हैं जो कि 2018 के चुनाव में 60 हजार से अधिक वोटों से जीते थे। तब भी वह मुसलमान थे और वहां की जनता हिंदू थी, आज भी है। अब अचानक ऐसा क्या हो गया है कि वह हारे हैं। असर में उनकी हार की वजह उनकी अकर्मण्यता थी। उन्होंने और उनकी सरकार ने जनता को धोखा दिया। इसलिए कवर्धा ही नहीं, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हार गई। कवर्धा में दादागिरी चल रही थी। यहां फर्जी मतदाता जोड़े गए, इसका प्रमाण भी है मेरे पास। जनता के अविश्वास से वह हारे हैं। कांग्रेस ने केवल तुष्टीकरण की राजनीति की है।

सवाल: कांग्रेस नेता कवासी लखमा ने मोदी को मारने और नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने उनका सिर फोड़ने जैसे बयान दिए हैं। इनके मायने क्या हैं ?

जवाब: जब-जब मोदीजी को ऐसा कुछ कहा गया है तब-तब उनका व्यक्तित्व और निखरकर सामने आया है। उनकी यह प्रखरता कांग्रेस पर भारी पड़ी है। कांग्रेस के लोग टूटे हैं, कमजोर पड़े हैं और समाज ने भी उन्हें गुस्से भरी नजरों से देखा है। यह नफरत वोट में भी तब्दील हो चुका है। कांग्रेस के नेताओं ने ऐसे व्यक्तित्व पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में कभी यह नहीं कहा कि मैं बीमार हूं, बुखार लग रहा है और दवाई खाकर सोऊंगा। वह व्यक्ति जिन्होंने भारत के मान बिंदुओं को स्थापित करने के लिए प्राण झोंक दिए। जिन्होंने नए भारत के सामर्थ्य का डंका दुनिया में बजाया है।

सवाल: नक्सलियों से वार्ता आगे नहीं बढ़ी, नक्लवाद को लेकर आपकी सरकार का विजन क्या है ?

जवाब: देखिए, नक्सलवाद पर हमारी सरकार का स्पष्ट मानना है कि बस्तर के गांव में बिजली, पानी, सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधा होना चाहिए। यहां मोबाइल टावर आज की जरूरत है। बस्तर में अत्याधुनिक सुविधा क्यों नहीं होनी चाहिए? हम यही करना चाहते हैं। इसे अगर कोई रोकना चाहता हैं तो हमारी सरकार चर्चा के लिए तैयार है। हम पूछना चाहते हैं कि क्या आप अपनी उन्नति, विकास नहीं चाहते। यदि सबकी मंशा बस्तर का विकास है तो केवल आइईडी बम बिछाने से क्या होगा?नक्सलियों द्वारा आइईडी बिछाने के बाद यहां काम करना मुश्किल है। सरकार अभी आग्रह कर रही है कि और अगर चर्चा से बात नहीं बनीं तो हम सख्ती करके बस्तर के गांवों तक विकास पहुंचाएंगे।

सवाल: मतांतरण को रोकने के लिए सख्ती की जरूरत है, कैसे बंदिश लगाएंगे?

जवाब: बिरनपुर, जिस गांव में हिंसा हुई थी वहां की एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहूंगा कि यहां नौ विवाह ऐसे हुए हैं, जिनमें एक समुदाय के लड़के ने हिंदू समुदाय की लड़की के साथ विवाह कर लिया। अब यह विवाह किसी न किसी विधि से हुआ होगा, अब विवाह से पहले मतांतरित भी होना पड़ेगा। मतांतरित होने की प्रक्रिया भी है, अब यह देखना है कि उसका पालन होता रहा है या नहीं।

विजय शर्मा की सरकार लाने में रही महत्वपूर्ण भूमिका

प्रदेश में भूपेश बघेल की कांग्रेस की सरकार को बेदखल करने के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कई बड़े आंदोलन किए। उनमें सबसे अधिक प्रभावशाली आंदोलन मोर आवास, मोर अधिकार रहा। पार्टी के महामंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के 18 लाख गरीबों को आवास दिलाने के लिए इस आंदोलन की पृष्ठभूमि विजय ने ही तैयार की थी। आवास आंदोलन सड़क से लेकर सदन तक चला और आखिरकार विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। 90 में से 54 सीटें भाजपा के खाते में पहुंची तो 71 सीट वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई। विजय शर्मा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर मंत्री मोहम्मद अकबर को 40,376 वोटों से हराया था। वह पहली बार विधायक बने। उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके पास गृह एवं जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की भी जिम्मेदारी है।

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