HIGHLIGHTS
- रायपुर में मुक्ताकाशी मंच पर हुए थे रू-ब-रू
- पंकज उदास ने कहा था – छत्तीसगढ़ का हुआ अद्भुत विकास
(विश्व परिवार)-प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास की अब केवल यादें शेष रह गई हैं, दो साल पहले सितंबर 2022 में जब वे रायपुर में पं.दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में प्रस्तुति देने आए थे। तब, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने उन्हें मुक्ताकाशी मंच पर आयोजित पहुना कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। मंच पर आते ही सबसे पहले उधास ने कहा था कि छत्तीसगढ़ का अद्भुत विकास हुआ है। वे 1972 में जब रायपुर आए थे, तब छत्तीसगढ़ को देश के बाहर के लोग नहीं जानते थे। 50 साल बाद जब वे आए और एयरपोर्ट पर उतरकर संस्कृति विभाग पहुंचे तो शहर का विकास देखकर आश्चर्य हुआ।
उन्होंने यह भी कहा था कि किसी भी शहर का विकास बड़े-बड़े भवन, माल, चमचमाती सड़कें बन जाने से ही नहीं होता। किसी भी प्रदेश, शहर की पहचान उसकी संस्कृति से होती है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति और कलाकारों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है।
दोस्त विद्यापति के साथ पहली बार 1972 में पहुंचे थे रायपुर
पंकज उधास ने अपना संस्मरण सुनाते हुए कहा था कि वे मुंबई में रहने वाले रायपुर निवासी दोस्त विद्यापति के साथ पहली बार 1972 में रायपुर पहुंचे थे। छोटे से शहर में कच्ची सड़कें थीं। अब तो पूरे शहर की तस्वीर बदल चुकी है। यहां के कलाकार मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ को विश्वभर में पहचान मिलने लगी है। कला, संस्कृति के क्षेत्र में कलाकार नाम कमा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास बेहतर है, यहां के कलाकारों का भविष्य बेहतर है।
पंकज उधास ने मुक्ताकाशी मंच पर बैठे-बैठे जनता के सवालों के जवाब में बताया था कि वे बचपन में गायिका बेगम अख्तर से प्रभावित थे। मुकेश साहब के दर्दभरे नगमे गुनगुनाते थे। गजल गायिकी में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए नई शैली विकसित की। उन्होंने यह भी बताया था कि वे एक अपने जीवन पर एक किताब लिखना चाहते हैं। गजल गाने के लिए उर्दू जुबान भी सीखी।
राजकपूर ने कहा था, आप अमर हो गए
पंकज उधास ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि नाम फिल्म का गीत चिठ्ठी आई है, ने मुझे पहचान दिलाई। एक बार जयपुर एयरपोर्ट पर मैंने राजकपूर साहब के पैर छुए। तब राजकपूर ने कहा था आपका गीत और आप अमर हो गए।
आडिटोरियम में रो पड़े थे श्रोता
मुक्ताकाशी मंच से निकलकर पंकज उधास जब पं.दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में प्रस्तुति दे रहे थे। तब, श्रोताओं ने प्रसिद्ध गीत ‘चिठ्ठी आई है’ की फरमाइश की। इस गीत को जब उधास ने गाया तो अनेक श्रोताओं की आंखों से आंसू निकल आए थे। उस कार्यक्रम में प्रदेश की तत्कालीन राज्यपाल अनुसूइया उइके, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पंकज उधास को सम्मानित किया था।