देश में लोकसभा चुनाव के लिए जब मुद्दों का चयन शुरू हुआ तो गारंटी देने की बात को भाजपा ने सबसे ऊपर रखा. वादों वाली राजनीति में दावों के कौन-कौन से तीर तरकश से निकल गए और उसपर जनता ने कितना भरोसा किया है यह तो नहीं कहा जा सकता. छत्तीसगढ़ की जनता ने छत्तीसगढ़ के लिए 2 साल में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए दी गई गारंटी पर जरूर भरोसा किया है. इसकी वजह भी बड़ी साफ रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरीके से छत्तीसगढ़ में नक्सल आपरेशन हुए और जितने नक्सलियों का सफाया किया गया वह आम जनता के मन में एक भरोसा जरूर कायम कर गया है |
पहले चरण के चुनाव के पहले दो दर्जन से ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षा एजेंसियों ने मार गिराया. लोकसभा चुनाव के बीच 50 से ज्यादा खूंखार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन लगातार जारी है, जिसकी गारंटी हर मंच से नेता दे गए. शायद इस बात का भरोसा भी आम जनता ने किया है. यह भी एक बड़ी वजह रही है कि वैसे क्षेत्र में जहां नक्सलियों की तूती बोलती थी वहां के लोगों ने भी लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लिया है |
इन सब के बीच कांग्रेस पार्टी भी पीछे नहीं रही, 2024 में छत्तीसगढ़ की राजनीति में जो बातें कांग्रेस की ओर से रखी गई उसमें सबसे मजबूत मुद्दा रोजगार का रहा महिलाओं को लेकर एक लाख रुपए वाली महालक्ष्मी योजना रही. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी सब ने इस योजना का जमकर गुणगान किया. कांग्रेस ने जनता को अपनी ओर करने के लिए ये भी नैरेटिव चलाया कि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आई तो पिछड़ों का आरक्षण खत्म हो जाएगा. बीजेपी के नेता संविधान को खत्म कर देंगे. बीजेपी के आक्रामक प्रचार से दूरी बनाने वाली कांग्रेस ने अपनी इस चुनावी रणनीति से अपने लिए जीत का मंत्र निकलाने की कोशिश की. अब उसका कितना फायदा मिलेगा ये तो चार जून को पता चलेगा |