रायपुर(विश्व परिवार)। आचार्य श्री सिद्धांत सागर जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या भारत गौरव गणिनी गुरु मां सौभाग्यमती माता जी ससंघ आर्यिका शिक्षा मती माताजी, आर्यिका संक्षेपमति माताजी, छुल्लिका साक्षात मती माताजी, छुल्लिका समक्ष मती माताजी का आज दिनांक 28 मई को प्रात: श्री सन्मति नगर फाफाडीह दिगंबर जैन मंदिर विहार करते हुए श्री चंद्रप्रभ शंकर नगर दिगंबर जैन मंदिर में मंगल प्रवेश हुआ। माताजी का अभिनंदन वंदन समस्त शंकर नगर मंदिर समिति एवं समाज जनों ने किया।
माताजी ने श्री जिनेंद्र प्रभु की शांति धारा के साथ अपना मंगला चरण प्रारंभ किया अपने मंगल उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जिनेंद्र भगवान के दर्शन करने से साधुओं की वंदन करने से जन्म जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। देव शास्त्र गुरु के प्रति आपकी सच्ची भक्ति और श्रद्धा ही आपका मोक्ष मार्ग प्रशस्त करेगी।
माताजी ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक जीव ने पहले चिड़िया के घोसले में जन्म लिया तब उस जीव ने एक मुनिराज के दर्शन किए और उसका मरण हो गया, पुनः उस जीव ने एक गाय के बछड़े की पर्याय में जन्म लिया एवं उन्हीं मुनिराज के दर्शन पुनः उसका मरण हुआ तत्पश्चात उस जीव का जन्म एक राजा के पुत्र के रूप में हुआ पुनः उस जीव को उन्ही मुनिराज के दर्शन हुए तो उसने मुनिराज का बड़े ही मनोभावनाओं से दर्शन वंदन किया एवं अपना मुख्य मार्ग प्रशस्त किया।
उदहारण के तौर पर माताजी ने बताया कि दिगंबर संत के दर्शन मात्र से जन्म जन्म के पाप कट जाते हैं एवं सम्यक्त की प्राप्ति होती है जैसे कि उक्त जीव के साथ हुआ।