नवापारा राजिम (विश्व परिवार)। मांघ वदी चतुर्दशी को आदिनाथ भगवान का निर्माण महोत्सव नगर के हृदय स्थल सदर रोड स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान का जन्म अयोध्या में तथा निर्वाण कैलाश पर्वत में हुआ था जैन समुदाय के चौबीस तीर्थंकरों के आदिनाथ भगवान प्रथम तीर्थंकर के रूप में पूज्यनीय हैं ।माता मरु देवी एवं पिता नाभी राय के पुत्र आदिनाथ के बाहुबली सहित 100 पुत्र तथा नंदा व सुनंदा दो पुत्रियां थी। आदिनाथ भगवान ने ही कृषि का पाठ पढ़कर अपनी जनता को शिक्षा का ज्ञान अर्जित कराया नंदा सुनंदा पुत्री को शब्द एवं अंको का ज्ञान देकर गणित एवं भाषा का पाठ पढ़ाया जो आज भी प्रचलित है। इस आधार पर दुनिया में शब्द एवं अंकों का ज्ञान हुआ कृषि कार्य कर जीवन यापन कर अपनी सुरक्षा एवं रहने का सलीका सिखाया। आदिनाथ के पुत्र भरत के नाम पर ही हमारे देश का नाम भारत पड़ा। करोड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी हम आज उनके ही बताएं मार्ग पर चल रहे हैं ।आदिनाथ भगवान के मोक्ष कल्याण के शुभ अवसर पर आज प्रातः से मन्दिर में काफी चहल-पहल बनी रही वहीं अनेक लोगों ने निर्वाण उत्सव में अपनी भागीदारी निभाकर पुन्यार्जन किया। आज प्रातः आदिनाथ भगवान का महामस्तिकाभिषेक किया गया। प्रथम अभिषेक करने का सुअवसर मनोज अनिल जयकुमार जैन परिवार को प्राप्त हुआ वहीं द्वितीय कलश संजय ,अर्पित चौधरी, तृतीय कलश राकेश, सत्यम व शुभम चौधरी ,चतुर्थ कलश रमेश पहाड़िया परिवार को प्राप्त हुआ। अभिषेक पश्चात शांति धारा में प्रथम शांति धारा राकेश ,सत्यम ,शुभम परिवार को प्राप्त हुआ वहीं द्वितीय शांति धारा रजत कलश राहुल ,तनिष्क चौधरी एवं जय जैन परिवार को प्राप्त हुआ शांति धारा का वाचन किशोर सिंघई ने किया.शांतिधारा के पश्चात पूजन ,निर्वांणकांड पढ़ने के बाद निर्वाण लाडू चढ़ाने का सुअवसर राजकुमार रवि जैन ,किशोर, अमित ,अग्रिम ,अध्ययन सिंघई एवं अभय कामिनी चौधरी परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ। शांतिधारा में प्रमोद जैन सागर, अजीत चौधरी, रजनीश चौधरी, शशि देवी,रूपचंद ,आकाश जैन, सुरेखा पहाड़िया ,निर्मल ,कुसुम चौधरी, डॉ. निधि जैन, प्रेमचंद अनुराग जैनपरिवार की सहभागिता रही वहीं रात्रि में मंदिर जी में भक्तांबर का पाठ कर आदिनाथ भगवान का जाप एवं आरती का कार्यक्रम संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में समाज के अनेक लोग उपस्थित रहे । अध्यक्ष किशोर सिंघई ने समस्त कार्यक्रम विधि विधान पूर्वक सानंद संपन्न कराया।