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दुर्ग की लेफ्टिनेंट जोया मिर्जा बनीं सेना में डाक्टर, छत्‍तीसगढ़ से इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला

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  • दुर्ग की लेफ्टिनेंट जोया मिर्जा बनीं सेना में डाक्टर
  • छत्‍तीसगढ़ से इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला
  • पिता पिच क्यूरेटर,मां शिक्षिका

दुर्ग(विश्व परिवार)- देश प्रेम का जज्बा देखिए। दुर्ग की बेटी इसी जज्बे के चलते आज सेना में लेफ्टिनेंट डाक्टर बन गई। जोया ने बचपन से जो सपना देखा था वह पूरा हुआ। सुभाष नगर दुर्ग में रहने वाली जोया मिर्जा वर्ष 2023-24 में आर्म्स फोर्ड मेडिकल कालेज पुणे से एमबीबीएस किया। दो और सरकारी मेडिकल कालेज में चयन होने के बाद भी उनसे एमबीबीएस की पढ़ाई करने आर्म्स फोर्ड मेडिकल कालेज पुणे को चुना।

जोया मिर्जा ने भिलाई केपीएस से पूरी की पढ़ाई

जोया मिर्जा ने वर्ष 2017 में केपीएस भिलाई में 12 वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह नीट की तैयारी में जुट गई। वर्ष 2019 के नीट की परीक्षा में उसने 622 अंक हासिल किया। छत्तीसगढ़ में उन्होंने 11 वां रैंक हासिल किया। जोया का चयन एमबीबीएस के लिए शासकीय मेडिकल कालेज नागपुर और अहमदाबाद में भी हुआ था। चाचा मिर्जा रफी ने बताया कि जोया का सपना बचपन से ही देश सेवा करने का रहा है, वह सेना में जाना चाहती थी । इस कारण एमबीबीएस के लिए उसकी प्राथमिकता आर्म्स फोर्ड मेडिकल कालेज पुणे रहा।

वर्ष 2019 में यहां प्रवेश के लिए काउसिंलिग हुई। आर्म्स फोर्ड मेडिकल कालेज पुणे में गर्ल्स के लिए 30 सीट थी। जिसमें से पांच सीट विदेशियों के लिया था। सीटें कम होने के बाद भी जोया यहां प्रवेश पाने में सफल रही। इसके बाद चयनित विद्यार्थियों को फीजिकल ट्रेनिंग भी दिया गया। ट्रेनिंग में ही साढ़े चार साल बीत गए। यहां परीक्षा में जोया ने चार विषयों में विशेष दक्षता हासिल करने के साथ ही प्रशिक्षण के दौरान बास्केटबाल के नेशनल लेवल में भी अपना पोजीशन बनाया।

28 अप्रैल 2024 को लेफ्टिनेंट डाक्टर के पद पर ज्वाइनिंग देते ही जोया का देश सेवा का वह सपना भी पूरा हो गया जिसे वह बचपन से देखा करती थी। सेना में लेफ्टिनेंट डाक्टर के पद पर पदस्थ दुर्ग की बेटी जोया की यह उपलब्धि न केवल मुस्लिम समाज बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी गौरव की बात है। जोया की यह उपलब्धि आने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी रहेगी। जोया के इस मुकाम तक पहुंचने में उसके माता-पिता और गुरुजनों का बड़ा सहयोग रहा।

पिता पिच क्यूरेटर, मां शिक्षिका

जोया का पूरा परिवार पढ़ा लिखा है। पिता मिर्जा शमीम अहमद ने इतिहास में एफफिल किया है। वे विभिन्न कालेजों में प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम रायपुर में पिच क्यूरेटर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें आइपीएल मैचों में दो बार बेस्ट पिच क्यूरेटर आफ इंडिया का अवार्ड भी मिल चुका है। जोया की मां परवीन मिर्जा ने एमएससी किया है। वर्तमान में वो कवर्धा ब्लाक के स्कूल में शिक्षिका के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

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