Home सागर देश के सबसे बड़े संत रविदास मंदिर में नहीं होगा कोई कोना,...

देश के सबसे बड़े संत रविदास मंदिर में नहीं होगा कोई कोना, लोहा तक नहीं होगा उपयोग, ये होंगी खासियतें

90
0

HIGHLIGHTS

  • बड़तूमा में बन रहा देश का सबसे संत रविदास मंदिर
  • मंदिर में नहीं होगा एक भी कोना
  • पीएम मोदी ने रखी थी मंदिर की आधारशिला

 सागर (विश्व परिवार)। बड़तूमा में बन रहा देश का सबसे बड़ा संत रविदास का मंदिर मूर्त रूप लेने लगा है। मंदिर के बेसमेंट का काम पूरा होकर अब पत्थरों को तराशने का काम शुरू होगा। मंदिर के गर्भगृह के अलावा आसपास बनने वाले म्यूजियम सहित परिसर की अन्य इमारतों का काम भी तेजी से चल रहा है। अगले साल अगस्त महीने में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

बड़तूमा में कुल 11 एकड़ भूमि के बीच साढ़े पांच हजार वर्ग फीट का मुख्य मंदिर बनेगा, जो कि नागर रैली में लाल पत्थरों से तामीर किया जाएगा। इस मंदिर में लोहे के पर एक कील का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। भूमि से करीब 66 फीट ऊंचे इस मंदिर में धौलपुर से आए लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस परिसर में बनने वाला मुख्य मंदिर या अन्य इमारतों में कहीं पर भी कोना नहीं बनाया गया है। हर आकृति गोल आकार की होगी। 25 फीट नीचे दी गई नींव को पत्थर और कंक्रीट से तैयार किया गया है।

पिछले साल 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंदिर की आधार शिला रखी थी। एक सितंबर से इसका काम शुरू हो गया। इसमें आगरा और राजस्थान के कारीगरों के साथ करीब 100 की संख्या में स्थानीय मजदूर काम कर रहे हैं।

भक्ति के साथ आध्यात्मिक शिक्षा भी

मंदिर के आसपास वर्तुलाकार की भूमि पर चार गैलेरी बनेगी, जिसमें, संत रविदास के जीवन को विस्तृत रूप से एवं आधुनिक संसाधनों से दर्शाया जाएगा। मंदिर में भक्ति के साथ ही संत रविदास द्वारा समाज ईश्वर व समाज जागरूकता के लिए दिए गए उपदेश व साहित्य से लोगों को जागरूक और शिक्षित करने के लिए का काम भी किया जाएगा।

करीब 10 हजार वर्ग फीट पर बनने वाले पुस्तकालय में संत रविदास के साहित्य के साथ ही यहां अन्य महान गुरुओं एवं दार्शनिकों के विचार व वाणी को संग्रहित किया जाएगा। संगत सभाखंड का आकार फूलों की पंखुड़ियों जैसा बनेगा। परिसर में 12 हजार 500 वर्ग फीट में आगंतुकों के विश्राम के लिए भक्त निवास भी निर्मित होगा। इनमें वातानुकूलित व समस्त सुविधायुक्त 15 कमरे होंगे। साथ ही पचास व्यक्तियों के लिए छात्रावास सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

मंदिर परिसर में मियावाकी पद्धति से उद्यान भी विकसित होगा। रविदास म्यूजियम के पहले ही काफी बड़े आकार में जलकुंड भी बनाया जाएगा। कुंड के पास विहार करने योग्य विशाल स्थान बनेगा।

मंदिर का फाउंडेशन कार्य पूर्ण

पर्यटन विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर मनीष डेहरिया ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य लगातार जारी है। इस कार्य को यूनिट इंजीवेंचर कसोटियम एलएलपी नोएडा द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंदिर का फाउंडेशन कार्य पूर्ण तथा म्यूजियम फाउंडेशन का कार्य प्रगति पर है। डोरमेट्री प्रथम तल, भक्त निवास प्रथम तल, बाउंड्रीवाल, कुंड, कालोनेड स्ट्रक्चर फाउंडेशन का कार्य भी किया जा रहा है। टॉयलेट ब्लॉक स्ट्रक्चर, लाइब्रेरी टिपंथ एवं कैफेटेरिया प्लिंथ तक का कार्य पूरा हो गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here