ललितपुर(विश्व परिवार)– गर्मी के मौसम में पशु और पक्षी दोनों ही प्यास से व्याकुल हो उठते हैं। उन बेसहारा पशु-पक्षियों का सहारा बच्चे बन रहे हैं। बच्चों को बताया गया कि गर्मियों में घर या बाग- बगीचे में पक्षियों को दाना-पानी जरूर रखें जिससे प्यास के कारण पक्षियों के कंठ न सूख पायें। करुणा इंटरनेशनल से जागरूक होकर बच्चे पक्षियों के संरक्षण को आगे आकर गौरैया घौंसला लगाकर व जलपात्रों को रखकर उनका संरक्षण कर रहे हैं।संजय झां ने बताया कि उसने बगीचे में गौरैया घौंसला लगाया है जिसमें गौरैया आकर बसेरा करने लगी है।मैं उसको प्रतिदिन दाना व पानी रख रहा हूं,जिससे नन्हीं गौरैया भूखी व प्यासी न रहे।आनंद यादव ने बताया कि घर की छत पर जलपात्रों को रखा है जिससे गौरैया के अलावा तोता,गिलहरी,कौआ छत पर आकर पानी को पीकर प्यास को बुझाये।हरिशंकर कुशवाहा बताते हैं कि मैंने घर के पास में बने बगीचे में गौरैया घौंसलें लगाकर जलपात्रों को भी रखा है जिसमें पक्षी आकर पानी पीते हैं उनकी आवाज बहुत ही मनमोहक लगती है। मेरे घर में तीन तोता भी हैं।जिनका मैं संरक्षण कर रहा हूँ।
करुणा इंटरनेशनल संस्था जीवदया को समर्पित है।संस्था से जुडकर बच्चे करूणा व जीवदया के कार्यों को सीखते हैं।करुणा इंटरनेशनल के संयोजक पुष्पेंद्र जैन बताते हैं कि भारतीय जीवजंतु कल्याण बोर्ड से मान्य संस्था करुणा इंटरनेशनल चेन्नई का मुख्य उद्देश्य बच्चों में मानवीय गुणों का विकास करना है और बच्चों के मन में जीवदया व करुणा की भावना को जागृत करना है।जिससे बच्चे करूणावान बनें।करूणा क्लब के माध्यम से बच्चे करूणा के कार्यों को भी कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि बच्चों को पक्षियों के संरक्षण हेतु घरों,बाग-बगीचों में पानी पीने हेतु जलपात्रों को रखने का प्रयास किया जा रहा है।जिससे बच्चे इस भीषण गर्मी में पक्षियों के संरक्षण में सहभागी बन सकें।