रायपुर(विश्व परिवार)। पर्यावरण दिवस 5 जून को देशभर में मनाया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए हर वर्ग कुछ न कुछ प्रयास कर रहा है, लेकिन हम आज एक ऐसे व्यक्ति की बात कर रहे हैं, जिन्हाेंने अपनी संपत्ति की जमापूंजी गौवंश के संरक्षण व संवर्धन में लगा दी। यह नाम है अखिल जैन (पदम डाकलिया) का। अखिल जैन गौवंश के माध्यम से प्रकृति, जल, वायु संरक्षण के अलावा मानव स्वास्थ्य के लिए काम कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध के माध्यम से उन्होंने गौमूत्र से फसल अमृत नामक फर्टिलाइजर तैयार किया है। अब तक करीब 5 लाख लीटर से अधिक फसल अमृत का वितरण निःशुल्क किया जा चुका है। पर्यावरण संरक्षण के लिए वे अपनी गौशाला में पौधों का रोपण कर जंगल निर्माण कर रहे हैं। तालाब भी बनवाया है। मनोहर गौशाला खैरागढ़ के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई काम कर रहे हैं। पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश…
प्रश्न- लाेग पेड़ काट रहे हैं, लेकिन आपने पौधे लगा-लगाकर पूरा जंगल तैयार कर दिया है..?
उत्तर- गौशाला परिसर में हजारों पौधों का जंगल तैयार हो रहा है। यह वर्षों के प्रयास के बाद संभव हो पाया है। इसके अलावा जंगल के बीच तालाब का भी निर्माण किया गया है। भीषण गर्मी में इस तालाब के कारण हरियाली देखते बनती है। एक ही जगह पर जंगल, तालाब, पशु चिकित्सालय, गौशाला, रिसर्च सेंटर में गौ अर्क व फसल अमृत निर्माण सहित अन्य पर्यावरण से सबद्ध काम हो रहे हैं। ऐसे में यहां ऐसा लगता है कि धरती पर स्वर्ग आ गया है।
प्रश्न- आपने गाय एक वरदान नामक पुस्तक लिखी है। इसके प्रकाशन का उद्देश्य क्या है ..?
उत्तर- जब गौमाता की रक्षा होगी, तभी प्रकृति, मानव, संसाधन की रक्षा हो पाएगी। यह पुस्तक हमें गौ माता से जोड़ती है, साथ ही प्रकृति सुरक्षा से जोड़ती है। पुस्तक लिखने व प्रकाशन की प्रेरणा मुझे मेरे माता-पिता से मिली है। पिता किसान थे और माता गौ भक्त थीं। गुरुदेव से इसकी प्रेरणा मिली। शायद इसीलिए मैं प्रकृति और गौ माता से जुड़ पाया।
प्रश्न- गौशाला में ऐसे कौन-कौन रिसर्च हो रहे हैं..?
उत्तर- गौशाला में हम गौ अर्क का निर्माण कर रहे हैं, विशेष रूप से फसल अमृत फर्टिलाइजर तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा गोबर से निर्मित दीये, गणेश की प्रतिमाएं, माला, चटाई सहित अन्य चीजें बनाई जा रही है। अब तक 5 लाख से अधिक किसानों को फसल अमृत का निःशुल्क वितरण किया जा चुका है एवम बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।वहीं दीपावली में गोबर के दीये निःशुल्क बांटे जाते हैं। राज्यपाल से लेकर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तक को गोबर से निर्मित दीये, गणेश की प्रतिमाएं, गोबर की चटाई भेंट की गई है।
प्रश्न- बताया जाता है कि मनोहर गौशाला में एशिया का सबसे बड़ा पशु चिकित्सालय बनाया जा रहा है..?
उत्तर- पशुओं में कई बड़ी-बड़ी बीमारियां असाध्य रूप से फैल रही हैं, इसे देखते हुए पशु चिकित्सालय का निर्माण किया जा रहा है। चरणबद्ध तरीके से इसका काम चल रहा है। यहां मवेशियों के इलाज की सारी सुविधाएं होंगी। साथ ही उन्हें भर्ती भी किया जा सकेगा। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम यहां सेवाएं देंगी।