- पहले अटल-आडवाणी और अब मोदी-शाह की लहर बनी संजीवनी
- कोटा विधानसभा चुनाव भाजपा आज तक जीती नहीं,लोकसभा में यहां से भाजपा कभी हारी नहीं
- वर्ष 1998 से 2019 तक के लोकसभा चुनाव का हाल
बिलासपुर(विश्व परिवार)– बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्र में कोटा भाजपा के लिए आज भी तिलस्म से कम नहीं है। वर्ष 1952 से लेकर आजतलक हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत के लिए तरस गई है। विधानसभा चुनाव में बने माहौल को स्थायी रखने में कांग्रेस के विधायक कहें या फिर पार्टी दोनों को हर बार लोकसभा चुनाव में नाकामयाबी ही मिलती है। तभी तो कोटा के बारे में यह बात राजनीतिक रूप से चरितार्थ हो गया है कि विधानसभा चुनाव भाजपा जीत नहीं पाती और लोकसभा में भाजपा को हराना मुश्किल है। पहले अटल-आडवाणी और अब मोदी-शाह की लहर भाजपा उम्मीदवार के लिए संजीवनी से कम नहीं है।1952 से लेकर अब तक कोटा विधानसभा सीट पर 15 बार चुनाव हुए हैं। काशीराम तिवारी पहले विधायक बने थे. जबकि मथुरा प्रसाद दुबे चार और राजेंद्र शुक्ल पांच बार चुने गए,इसी कड़ी में डा रेणु जोगी के नाम भी शामिल हो गया है। कोटा के विधायक राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के निधन के बाद वर्ष 2006 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने डा रेणु जोगी को चुनाव मैदान में उतारा। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार काबिज थी। एंटी इनकंबेंसी का असर दिखा और डा जोगी चुनाव जीतने में सफल रही।
वर्ष 2008 व 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार की हैसियत से डा जोगी चुनाव जीती। वर्ष 2018 में राजनीतिक परिस्थितयां बदली और डा जोगी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी से चुनाव मैदान में उतरी। जीत उनके हिस्से में ही रही। लगातार चार बार चुनाव जीतने में वे सफल रही। कोटा की सीट कांग्रेस और गैर कांग्रेसी उम्मीदवारों के हिस्से में ही आई। त्रिकोणीय मुकाबला होने के बाद भी भाजपा यहां से जीत का खाता अब तक नहीं खोल पाई है। लोकसभा चुनाव में जनमत इसके विपरीत आते रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद अब तक हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां से जीत दर्ज करते आ रही है।
वर्ष 1998 से 2019 तक के लोकसभा चुनाव का हाल
वर्ष 1998 कुल 1054239 मतदाता, वैध मतों की संख्या 577351 थी.।भाजपा के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते. उन्हें कुल 274793 वोट मिले।. कांग्रेस की उम्मीदवार कन्या कुमारी उर्फ तान्या अनुरागी कुल 226178 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं.वर्ष 1999 कुल 1107061 मतदाता . वैध वोटों की संख्या 525808 थी. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते . उन्हें कुल 274860 वोट मिले. कांग्रेस के उम्मीदवार रामेश्वर कोसरिया कुल 199527 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
वर्ष 2004 कुल 1411786 मतदाता थे. वैध वोटों की संख्या 621425 थी. भारतीय जनता पार्टी के पुन्नूलाल मोहले जीते . उन्हें कुल 324729 वोट मिले. कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. बसंत पहरे कुल 243176 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
वर्ष 2009 कुल 1472793 मतदाता थे. वैध वोटों की संख्या 770024 थी. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दिलीप सिंह जूदेव जीते . उन्हें कुल 347930 वोट मिले. कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ. रेणु जोगी कुल 327791 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं.
वर्ष 2014 कुल 1729229 मतदाता थे. वैध वोटों की संख्या 1082891 थी.भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लखन लाल साहू जीते . उन्हें कुल 561387 वोट मिले. कांग्रेस की उम्मीदवार करुणा शुक्ला कुल 384951 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. वर्ष 2019 कुल 1876953 मतदाता थे. वैध वोटों की संख्या 1205069 थी. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण साव जीते . उन्हें कुल 634559 वोट मिले. कांग्रेस के उम्मीदवार अटल श्रीवास्तव कुल 492796 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अरुण साव ने कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव को 1,41,763 वोटों से हराया था. अरुण साव को 6,34,559 यानी 53 फीसदी वोट मिले थे जबकि अटल श्रीवास्तव को 492,796 यानी 41 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के उत्तम दास रहे थे. उत्तम को केवल 21,180 हजार वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव में ऐसी बनी स्थिति
वर्ष 2003
कांग्रेस राजेंद्र प्रसाद शुक्ला 39546
भाजपा भूपेंद्र सिंह 37866
वर्ष 2006 उप चुनाव
कांग्रेस डा रेणु जोगी 59465
भाजपा भूपेंद्र सिंह 35995
वर्ष 2008
कांग्रेस डा रेणु जोगी 55317
भाजपा मूलचंद खंडेलवाल 45506
वर्ष 2013
कांग्रेस डा रेणु जोगी 58390
भाजपा काशीराम साहू 53301
वर्ष 2018
कांग्रेस डा रेणु जोगी 48800
भाजपा काशीराम साहू 45774
वर्ष 2023
कांग्रेस अटल श्रीवास्तव 73479
भाजपा प्रबल प्रताप सिंहजूदेव 65522
जकांछ डा रेणु जोगी 8884