Home छत्तीसगढ़ पिथौरा में मॉडल कृष्ण कुंज को किया गया साकार

पिथौरा में मॉडल कृष्ण कुंज को किया गया साकार

118
0
  • वाकिंग ट्रेक, झूला और दीवारों में मनमोहक चित्रांकन आकर्षण का केन्द्र बना

महासमुंद (विश्व परिवार)। नगर पंचायत पिथौरा में विकसित कृष्ण कुंज प्रदेश के लिए एक मॉडल कृष्ण कुंज के रूप में विकसित किया गया है। यहां कृष्ण कुंज की अवधारणा को साकार किया गया है। पिथौरा के कृष्ण कुंज में 0.40 एकड़ क्षेत्र में 160 पौधें रोपे गए हैं। वाकिंग ट्रेक, झूला और दीवारों में मनमोहक चित्रांकन भी किया गया है। जिससे वास्तव में कृष्ण कुंज एक सुंदर वाटिका के रूप में नगर की पहचान के रूप में उभरा है। जिसकी सुंदरता देखते ही बनती है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा कृष्ण कुंज वृक्षारोपण कार्यक्रम की योजना राज्य के समस्त नगरीय निकायों में हरियाली बढ़ाने की पहल हेतु लागू किया गया है। जिसका उद्देश्य वन उद्यान विकसित कर सांस्कृतिक एवं जीवनोपयोगी वृक्षों की अमूल्य विरासत का संरक्षण एवं शहरी क्षेत्रों में निवासरत लोगों में हरियाली के प्रति आकर्षण बढ़ाना, प्रदूषण मुक्त हेतु प्राकृतिक वातावरण व सुंदरता उपलब्ध कराना है।  वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत ने बताया कि इसी तारतम्य में महासमुंद वनमंडल के नगर पंचायत पिथौरा में कृष्णकुंज विकसित कर बरगद, पीपल, नीम और कदंब, रीठा, सिंदूरी, गुलमोहर, बेल, आंवला जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी 160 वृक्षों का रोपण किया गया है। राज्य शासन द्वारा जन्माष्टमी के अवसर पर विगत वर्ष कृष्ण कुंज योजना की शुरुआत की गई थी। जिले में नगरीय निकाय पिथौरा में वन विभाग द्वारा नगर के बीच में रिक्त स्थान को कृष्ण कुंज निर्माण के लिए चयन किया गया। यह पूरे राज्य के लिए एक मॉडल कृष्ण कुंज है। यहां वनों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के औषधीय, फलदार एवं फूल वाले पौधों का रोपण किया गया है। वर्तमान में रोपित पौधे 7-8 फीट ऊंचाई के हो चुके हैं। कृष्ण कुंज नाम के मुताबिक यहां धार्मिक आस्था का ख्याल रखते हुए तीन मंदिरों का निर्माण भी किया गया है। जिसमें राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित की गई है। जहां लोग आस्था पूर्वक दर्शन और पूजा के लिए यहां पहुंचते हैं। कृष्ण कुंज को एक आकर्षक और पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोगी एक उद्यान के रूप में विकसित किया गया है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here