पुणे (विश्व परिवार) | हर वर्ष जीव बचाओ आन्दोलन के द्वारा बकरीद के दिन हजारो मूक पशुओ को बचाने मे सक्षम रहे शाकाहार प्रचारक डॉक्टर कल्याण गंगवाल ने बताया कि पुणे का मुस्लिम सत्य शोधक समाज बकरीद पर बकरे की कुर्बानी नहीं देने की सलाह मुस्लिम समाज को देता है कि इस अंध श्रद्धा से बचे। इसके साथ ही इस समूह के साथ मिलकर हमने भी इस मुहीम मे कार्य किया एवम हमने रक्तदान शिविर भी आयोजित किया जिसमे मुस्लिम एवं गैर मुस्लिम समाज के लोगो ने100 यूनिट रक्त दान किया और लोगो को बताया की प्राणियों का खून बहाने के बजाय खुद रक्तदान करके जान बचाओ और यह अभियान सफल रहा
डा. गंगवाल ने बताया की सर्वजीव मंगल प्रतिष्ठान ने यह सन्देश दिया था कि यह बकरीद लाल रक्त रंजित न हो परन्तु हरी बने पर्यावरण पूरक बने इस मुहीम को सभी ने सराहा और सहयोग दिया उन्होने बताया की 50 वर्षो से इस मुहीम हेतु कार्य कर रहा हूँ उसका परिणाम यह रहा की पुणे मे अंजुमने इस्लामिक वेजीटेरियन सोसाइटी की स्थापना हुयी है इसमे 6000 लोग से अधिक सदस्य है और अधिकांश मेरे पेशेंट है यह लोग शाकाहारी तो है ही व्यसन मुक्त भी है एवम बकरीद पर बकरी भी नहीं काटते और मिठाई बाटकर इस त्यौहार को मनाते है अल्लाह ने क़ुरबानी का मतलब अहंकार की कुर्बानी देने को कहा है यह नहीं की प्राणियों की कुर्बानी दे उन्होने कहा की अहिंसा जीव दया शाकाहार का प्रचार बहुत जरुरी है यदि हम करते है तो हमे बड़ी कामयाबी मिल सकती है उन्होने कहा कल हमने खुली जगह पर बकरीद पर कत्ल न हो ऐसा पुलिस की मदद से रोक लगवाई और हमे कामयाबी भी मिली हम यह अहिंसक तरीके से करते है मुस्लिम समाज का प्यार जीतना बहुत जरुरी है वो भी बदल सकते है ऐसा हमने देखा है उन्होने समाज के भाईयो से अपील की कि अजैनो मे जाए और अहिंसा जीवदया शाकाहार का प्रचार करे तो हम बदलाव ला सकते है और यह सबसे बड़ी पूजा होगी बडे बडे विधान तो करते है लेकिन सक्रीय अहिंसा का प्रचार नहीं करते नकारात्मक अहिंसा का प्रचार करते है सकारात्मक अहिंसा का सही अर्थ जीवदया और जीवो को अभयदान देना है।हीं करते नकारात्मक अहिंसा का प्रचार करते है सकारात्मक अहिंसा का सही अर्थ जीवदया और जीवो को अभयदान देना है।