- आनलाइन पोर्टल सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम से कोई भी बना सकता है प्रमाण पत्र
- आनलाइन प्रमाण पत्र में नहीं होती रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर की जरूरत
- मास्टर ट्रेनर्स करेंगे मार्गदर्शन
भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना कार्यालय नई दिल्ली ने भारत में सबसे पहले छत्तीसगढ़ में बीते 22 मार्च से यह सेवा शुरू की है। बनाए गए पोर्टल के द्वारा अब घर बैठे भी जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नागरिक आनलाइन कम्प्यूटर अथवा मोबाइल से आवश्यक दस्तावेजों एवं प्रक्रियाओं का पालन करते हुए आवेदन कर रहे है। जन्म-मृत्यु पंजीयन के लिए आवश्यक प्रारूप में आवेदन करते समय यदि अपना ई-मेल आईडी व मोबाइल नंबर देते है, तो प्रमाण पत्र सीधे उनके ई-मेल आईडी पर व प्रमाण पत्र का लिंक एसएमएस के माध्यम से उनके मोबाइल पर प्राप्त हो जा रहा है।
वहीं अब इस सेवा के शुरू होने से लोगों को बड़ी सुविधा मिल रही है, क्योंकि इससे पहले जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए संबंधित को विभाग के चक्कर काटने के लिए बाध्य होना पड़ता था, लेकिन अब पोर्टल के माध्यम से यह प्रक्रिया सरल हो चुकी है। ऐसे में आने वाले दिनों में बड़े पैमाने में इस आनलाइन पोर्टल का उपयोग करते हुए लोग दोनों जरूरी प्रमाण पत्र समय पर बनवा सकेंगे।
आनलाइन प्रमाण पत्र में नहीं होती रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर की जरूरत
पोर्टल से आनलाइन जारी प्रमाण पत्र में भौतिक रूप से रजिस्ट्रार के द्वारा हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं रहती है। पोर्टल में पूर्व संरक्षित हस्ताक्षर से ही प्रमाण पत्र जारी होता है। आनलाइन प्रमाण पत्र के वैधता की जांच प्रमाण पत्र में छपे यूनिक क्यूआर कोड को स्कैन करने से की जा सकती है। साफ है कि प्रमाण पत्र बनवाना पूरी तरह से आसान हो गया है।
मास्टर ट्रेनर्स करेंगे मार्गदर्शन
पोर्टल नया होने की वजह से इसकी कार्यप्रणाली को समझाने के लिए प्रत्येक जिले के लिए मास्टर ट्रेनर्स बनाए गए हैं। यदि किसी प्रकार की दिक्कत आ रही थी तो हितग्राही उनसे संपर्क कर सकते है। केंद्र सरकार द्वारा जन्म व मृत्यु पंजीयन की प्रक्रिया को सरल करते हुए जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 में आवश्यक संशोधन कर जन्म- मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2023 बनाया गया है। इसके साथ ही आनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया को सरल करते हुए यूजर फ्रेंडली बनाया गया है।