- वर्ष 1997 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है।
- भाजपा के अभेद गढ़ के सामने कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है।
- बिलासपुर लोकसभा सीट में भाजपा व कांग्रेस के एक-एक स्टार प्रचारकों ने चुनावी सभा ली है।
बिलासपुर(विश्व परिवार)- तोखन और देवेंद्र के बीच सीधा मुकाबला सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित और ओबीसी बहुलता वाले बिलासपुर लोकसभा सीट भाजपा के लिए अभेद गढ़ में तब्दील हो गया है। वर्ष 1997 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने पूर्व विधायक तोखन साहू व कांग्रेस ने भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेस उम्मीदवार को पार्टी के भीतर विरोध झेलना पड़ा। पूर्व महापौर वाणी राव,पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश वाजपेयी और पार्षद विष्णु यादव ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है।
अंतर्विरोध के साथ ही खुला विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। बिलासपुर लोकसभा सीट में भाजपा व कांग्रेस के एक-एक स्टार प्रचारकों ने चुनावी सभा ली है। भाजपाध्यक्ष जेपी नड्डा की लोरमी में और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सकरी में आम सभा हुई। मोदी की गारंटी,अयोध्या में राम मंदिर और महतारी वंदन योजना के प्रभावी होते मुद्दे के बीच राहुल गांधी ने संविधान का मसला छेड़कर भाजपा पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाकर और महतारी वंदन योजना के काट के रूप में महालक्ष्मी योजना की घोषणा कर माहौल बनाने की कोशिश की है। भाजपा के अभेद गढ़ के सामने कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। भाजपा का अभेद किला भेदने के लिए मोदी की गारंटी का प्रभावी विकल्प कांग्रेस अब तक खोज नहीं पाई है।