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बुंदेलखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ ने ग्रीष्मावकाश में समर कैम्प आयोजन वाला आदेश निरस्त करने की माँग उठायी

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  • शिक्षक समाज को शोषित व परेशान करने हेतु निर्गत आदेश सर्वथा अनुचित है- जितेंद्र दीक्षित
  • अव्यवहारिक आदेश से बच्चों व शिक्षक दोनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा है – देवेश शर्मा

ललितपुर(विश्व परिवार)। भीषण गर्मी को मद्देनज़र महानिदेशक स्कूल शिक्षा उ. प्र. द्वारा ग्रीष्मावकाश में समर कैम्प आयोजन करने वाला जो आदेश निर्गत किया है उसको तुरंत निरस्त कराने हेतु बुंदेलखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ ने माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार उ.प्र. को सम्बोधित एक ज्ञापन झाँसी मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक को सौंपा। ज्ञापन देते समय संघ के प्रदेश महामंत्री देवेश शर्मा ने कहा कि उ. प्र. में वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश चल रहा है, ऐसे में इतनी भीषणतम गर्मी पड़ने के मध्य महानिदेशक महोदया द्वारा अपने आदेश क्रमांक गुण0- eco clubs/1566/24-25/दिनांक 24 मई 2024 के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों को खोलकर विभिन्न क्रिया कलाप आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं यह आदेश वर्तमान में भीषण गर्मी जहां तापमान 47 से 48 डिग्री बना हुआ है को देखते हुए एकदम अव्यवहारिक है ऐसे में बच्चों व शिक्षकों दोनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा है। उ.प्र. प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र दीक्षित ने कहा ऐसे आदेशों से जहां एक ओर जनमानस में भी शासन के प्रति नकारात्मक छवि बन रही है और टाइम एन्ड मोशन का भी उल्लंघन प्रतीत हो रहा कि ऐसे आदेश जो सिर्फ वातानुकूलित दफ्तरों में बैठकर शिक्षक समाज को शोषित व परेशान करने हेतु ही निर्गत हो रहे हैं जो सर्वथा अनुचित हैं, ऐसे आदेश को मंत्री महोदय से निरस्त कराने की मांग की जाती हैं।
ज्ञापन देते समय उ. प्र. प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष झाँसी जितेंद्र दीक्षित, बुंदेलखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह, प्रदेश महामंत्री देवेश शर्मा, जिला संयुक्त मंत्री शिवकुमार पाराशर, आनंद मोहन मिश्रा, उमेश बबेले, डॉ. अखिलेश गोस्वामी जनार्दन पाल, प्रांतीय प्रवक्ता वीर दुबे, प्रांतीय सह प्रवक्ता विशाल जैन पवा आदि उपस्थित रहे। अंत में आभार डॉ. अनिरुद्ध रावत ने व्यक्त किया।

वहीं बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक जिला कार्यालय पर संपन्न हुई बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष रसकेंद्र गौतम ने कहा कि
बेसिक शिक्षक वर्ग वैकेशन स्टाफ में आता है। शिक्षक वर्ग को वित्तीय हस्त पुस्तिका के अनुसार समानुपातिक रूप में 30 दिन के उपार्जित अवकाश के सापेक्ष 21 मई से 15 जून तक का ग्रीष्मावकाश स्वीकृत है।
ग्रीष्मावकाश में विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र/छात्रायें अपने-अपने परिवारों के साथ निजी भ्रमण के कार्यक्रम में भी रहते हैं। ग्रीष्मावकाश की अवधि में दिनांक 05 जून, 2024 से 11 जून, 2024 तक समर कैम्प के आयोजन का निर्देश जारी किया गया है जो विधिक दृष्टि से उचित नहीं है। इन कार्यक्रमों के कारण विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र/छात्राएं ग्रीष्मावकाश का समुचित उपभोग नहीं कर पाते हैं, साथ ही उपार्जित अवकाश के सापेक्ष ग्रीष्मावकाश की स्वीकृति प्रायः निरर्थक सिद्ध हो रही है, ग्रीष्मावकाश की विधिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षक वर्ग एवं छात्र/छात्राओं को ग्रीष्मावकाश अवधि में किसी भी तरह का काम मंजूर नहीं,बेसिक शिक्षको को भी RTE के तहत 220 कार्यदिवस होने चाहिए परंतु बेसिक शिक्षको के 256 कार्यदिवस हो रहे जो नियमानुसार गलत है,केंद्रीय विद्यालयों में 70 दिन के अवकाश होता है और बेसिक में सिर्फ 30 दिन का। बैठक में महामंत्री महेश साहू ने कहा कि ग्रीष्मकालीन अवकाश में दिनांक 5 जून से 11 जून 2024 तक परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शिक्षकों द्वारा समर कैंप / गतिविधियां आयोजित किए जाने के निर्देश प्रदान किये गए हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी अवकाश तालिका के क्रम में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 20 मई से 15 जून 2024 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित हो चुका है। तत्क्रम में 20 मई को समस्त परिषदीय विद्यालय बंद हो चुके हैं एवं अधिकतर शिक्षक/शिक्षिकाएं प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में स्थित अपने अपने मूल निवास स्थान/गृह जनपद को प्रस्थान कर चुके हैं तथा वर्तमान में अपने पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन में व्यस्त हैं।अन्य कर्मचारियों को एक वर्ष में 30 दिन का अर्जित अवकाश मिलता है परन्तु बेसिक शिक्षकों को अभी तक अर्जित अवकाश अनुमन्य नही किए गये हैं। जबकि संगठन द्वारा आपसे निरंतर बेसिक शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश के स्थान पर 27 EL/ अर्जित अवकाश प्रदान करने की मांग की जा रही है परन्तु यह मांग अद्यतन लंबित है जो कि खेद का विषय है।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदीप कुशवाहा जिला कोषाध्यक्ष ने कहा कि उक्त आदेश पर पुनर्विचार करते हुए इसे निरस्त करने का कष्ट करें। साथ ही यह भी समीचीन होगा कि प्रत्येक कार्य दिवस के अनुपात में शिक्षकों को अर्जित अवकाश अनुमन्य किए बिना ग्रीष्मकालीन अवकाश या अन्य अवकाश में किसी भी प्रकार का कैंप या गतिविधियों का आयोजन न किया जाये अन्यथा की स्थिति में प्रदेश के लाखों-लाख शिक्षकों की भावनाओं को देखते हुए संगठन आंदोलन करने को बाध्य होगा। जिसका समस्त उत्तर दायित्व विभाग का होगा। बैठक मे रसकेंद्र गौतम,महेश साहू, प्रदीप कुशवाहा, विपिन त्रिपाठी ,नरेंद्र पटेल,दीपक सोनी,राहुल स्वर्णकार,अवधेश कुमार,रेखा माहौर,नीतू राजपूत,मुकुंद त्रिवेदी, अश्वनी राय , विनोद भारती, मु असलम,अश्वनी नामदेव,अनिल साहू, मिथुन कुमार,अमित शर्मा,वर्षा अली ,श्रद्धा गुप्ता, जया खरे, अरुणा पटेल, रोहित निरंजन आदि उपस्थित रहे। बैठक का संचालन सुनील गुप्ता ने व आभार हिमांशु अवस्थी ने व्यक्त किया

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