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मुख्यमंत्री साय की गुरुजीभाठा में होने वाली सभा पर भारी यह टोटका, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और रमन सिंह का भी जादू जहां हुआ था फेल…

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गरियाबंद(विश्व परिवार) मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार को बिंद्रानवागढ़ विधान सभा क्षेत्र के गुरुजीभाठा में चुनाव प्रचार अभियान के तहत सभा लेने पहुंच रहे हैं. गुरुजीभाठा में सीएम साय कांदाडोंगर की दिशा में मुंह किए गए मंच से लोकसभा प्रत्याशी के लिए वोट मांगेंगे. मान्यता है डोंगर के विपरीत दिशा में बनाया मंच हार का कारण बनता है |

सह प्रभारी नरोत्तम साहू ने बताया की सभा 12 बजे से है. सभा में भाजपा की प्रत्याशी रूप कुमारी चौधरी भी मौजूद रहेंगी. अपको बता दे कि इस सभा के लिए इस बार संगठन ने मुख्य मंच का मुंह कांदाडोंगर की ओर किया है. कहा जाता है कि इस डोंगर में मां कुलेश्वरिन देवी का वास है. मंच डोंगर के विपरीत होने से उसका परिणाम भी विपरीत आता है |

मंच बनाने से पहले डोंगर मंदिर पुजारी मोहित यादव ने इस बात को पार्टी के समक्ष रखा था. मोहित भाजपा मंडल गोहरापदर के महामंत्री होने के साथ-साथ गोलामाल शक्ति केंद्र प्रभारी भी हैं. मोहित का दावा है कि विधानसभा चुनाव के समय असम सीएम हिमंता विश्वा सरमा के सभा में रिकार्ड भीड़ जुटी, मंच का मुंह डोंगर के विपरीत था, इसलिए जुटी भीड़ मतों में तब्दील नहीं हो सकी. भाजपा को लीड देने वाले इन क्षेत्रों के बूथ में बढ़त घट गई, जिसके कारण बिंद्रा नवागढ़ भाजपा प्रत्याशी गोवर्धन मांझी जीत के करीब पहुंचते-पहुंचते 850 मतों से हार गए. अब आयोजन की तैयारी संभाल रहे गोवर्धन मांझी का भी मानना है कि उनकी हार के पीछे कहीं न कहीं मंच की दिशा का विपरीत होना भी एक बड़ी वजह था, जिसकी वजह से अब मंच की दिशा बदली जा रही है |

लहर के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी की हुई थी हार

2018 के चुनाव में पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल था, परिणाम भी माहौल के अनुरूप आया. लेकिन बिंद्रा नवागढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी संजय नेताम की हार हुई थी. बताया जाता है गुरुजीभाठा के इसी स्थल पर राज बब्बर सभा संबोधन के लिए पहुंचे थे. इस सभा में मंच का मुंह डोंगर के विपरीत था. इसी तरह 2013 के चुनाव में रमन सिंह की इसी स्थान की सभा के मंच को डोंगर की दिशा में किया गया था, इस चुनाव में गोवर्धन मांझी रिकार्ड मतों से जीत दर्ज किए थे |

सत्ता से उतरे तो जोगी का रूट बदला गया

आस्था के केंद्र कहे जाने वाले कांदा डोंगर से एक और चुनावी किस्सा चर्चा में रहता है. सभा लेने देवभोग पहुंचे तत्कालीन सीएम अजीत जोगी का हेलीकॉप्टर कांदाडोंगर के ऊपर से गुजर कर आना-जाना किया था, इसलिए उन्हें कुर्सी से उतरना पड़ा था. इसके बाद हुए हर दौरे में राजनेताओं ने डोंगर के रूट को बदल दिया. कृषि मंत्री रहते तत्कालीन सीएम रमन सिंह के दूसरे कार्यकाल में झाखर पारा कृषक सम्मेलन में पहुंचे चंद्र शेखर साहू ने भरी सभा में इसकी जानकारी देकर चुटकी भी ली थी |

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