- तालाबों को सहेजकर रखना हर पीढ़ी का दायित्व
- जल चौपाल और सेल्फी विथ पॉन्ड से जुड़ें युवा
रायपुर(विश्व परिवार) । जल संचय, संरक्षण व संवर्धन के प्रति सामूहिक प्रयासों को गति देने रायपुर जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में आयोजित “मेरी ज़िन्दगी पानी की बूंदों से“ कार्यशाला में पॉन्डमैन ऑफ इंडिया श्री रामवीर तंवर ने जरूरी टिप्स दिए। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री अबिनाश मिश्रा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विश्वदीप के साथ शहर के समाज सेवी व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, जल उपयोगिता से जुड़े राज्य शासन के विभिन्न विभागों के तकनीकी अधिकारी तालाबों के संरक्षण, संवर्धन के विभिन्न उपायों के साथ ही शहरी वन निर्माण व प्रबंधन विषयक महत्वपूर्ण विचारों से इस कार्यशाला में अवगत हुए। कार्यशाला में बतौर वक्ता ग्राउंड वॉटर एवं रैन वॉटर एक्सपर्ट डॉ. कुंडलेश्वर पाणिग्रही ने भी उपयोगी जानकारी देकर पानी की हर बूंद के संचय का आह्वान किया।
स्थानीय शहीद स्मारक भवन सभागार में प्रमुख वक्ता के तौर पर पर्यावरणविद् रामवीर तंवर ने आह्वान किया कि हर नागरिक अपनी जरूरत के पानी व हवा की जिम्मेदारी खुद लें, इसके लिए उनका संदेश था कि हर व्यक्ति अपने नज़दीकी तालाब या जल निकाय को साफ और सुरक्षित रखें और ऑक्सीजन की अपनी जरूरत को पूरा करने दूसरों के प्रयासों में आश्रित न रहकर एक से अधिक पेड़ लगाए व उसको जीवन दें। तंवर 80 से भी अधिक तालाबों की सफाई कर उसे नया जीवन दे चुके है। सेल्फी विथ पॉन्ड और जल चौपाल उनके ऐसे अभियान रहे है, जिससे लाखों लोगों का जुड़ाव तालाबों से हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी तंवर की सराहना की है, उन्हें इस कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में देश के 100 चयनित लोगों में बतौर अतिथि शामिल किए गए। बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि में बदलकर शहरी वन तैयार करने में भी तंवर विशेषज्ञ है। तंवर ने कहा कि प्रकृति की सेवा व सुरक्षा हर व्यक्ति का दायित्व है एवं संस्था के आकार या अपनी विशेषज्ञता का ध्यान रखे बिना हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूक रहकर कदम उठाना चाहिए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ. सिंह ने कहा कि रायपुर अपनी सेवा धर्मिता एवं नवाचारों के लिए ख्यातिलब्ध है, ऐसे में तालाबों के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में एक लक्ष्य निर्धारित कर त्वरित कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन के अनुरूप तालाबों के शहर रायपुर के जल निकायों के संरक्षण, संवर्धन के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण संरक्षण व सुधार के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे एवं इसके लिए रोडमैप तैयार कर गतिविधियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। कार्यशाला में वरिष्ठ भू-जल विज्ञानी श्री विपिन दुबे, ग्रीन आर्मी के संस्थापक श्री अमिताभ दुबे, आस एक प्रयास के श्री सुरेन्द्र बैरागी, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती शुभांगी आप्टे, मनजीत कौर बल, मोनिका बागरेचा, विद्याभूषण दुबे सहित एन.जी.ओ. प्रतिनिधि उपस्थित थे।
भू-जल विशेषज्ञ डॉ. पाणिग्रही ने गिरते भू-जल स्तर को खतरे की घंटी बताया और कहा कि भू-जल स्तर के संरक्षण के लिए व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल को हर घर संरक्षित करें यह आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल प्रकृति का अनमोल उपहार है और भावी पीढ़ी के पास पर्याप्त जल भंडार की सुविधा रहे, इसके लिए हमें गंभीर चिंतन के साथ जल के अपव्यय को रोकने एकजुट प्रयासों की जरूरत है। कार्यशाला में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी श्री उज्जवल पोरवाल, महिला बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी निशा मिश्रा, समग्र शिक्षा मिशन के के.एल. पटले, नगर निगम के अपर आयुक्त श्री विनोद पांडेय, उपायुक्त कृष्णा खटिक, अधीक्षण अभियंता श्री राजेश शर्मा, जोन कमिश्नर श्री आर.के. डोंगरे, श्री विमल शर्मा, श्री रमेश जायसवाल, श्री अरूण ध्रुव, श्री संतोष पांडेय, नगर निवेश के प्रमुख श्री निशिकांत वर्मा, कार्यपालन अभियंता श्री अंशुल शर्मा, श्री रघुमणि प्रधान, श्री योगेश कडू, श्री प्रदीप यादव, सहित जिला पंचायत, नगर निगम, रायपुर स्मार्ट सिटी लि., लोक निर्माण विभाग, वन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।