रायपुर(विश्व परिवार)– रायपुर पश्चिम विधायक और बीजेपी वरिष्ठ नेता राजेश मूणत आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं. राजनीति में राजेश मूणत का संघर्ष आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है. किसी भी कार्य को लक्ष्य बनाकर करना और उसे पूरा करके ही राहत की सांस लेना राजेश मूणत के व्यक्तित्व में साफ झलकता है. विधायक और मंत्री जैसे व्यस्ततम पद में रहते हुए भी वे संगठन के चहेते बने हैं. सत्ता और संगठन में तालमेल कैसा हो ? कैसे ये एक दूसरे के पूरक बनें ? इन सभी का हल राजेश मूणत ही होता है. यह मूल सिद्धांत ही उन्हें सर्वमान्य नेता के रूप में स्थापित करता है |
राजेश मूणत का जीवन परिचय
राजेश मूणत का जन्म 28 अप्रैल सन् 1963 को अविभाजित मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में हुआ. उनकी स्कूल शिक्षा जबलपुर से हुई, वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे. किशोर अवस्था से ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन के साथ ही लोगों की अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास ने उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जोड़ने का कार्य किया. विद्यार्थी परिषद में काम करते हुए उन्होंने आमजन को अपने अधिकारों के प्रति और अधिक जागरूक करने के लिए जन जागरूकता का ब्रम्ह शस्त्र पत्रकारिता से जुड़ना बेहतर समझा. युग धर्म नामक तत्कालीन प्रतिष्ठित पत्रिका में वे अपने जन जगरूक लेखों से आमजन को सजग करने का प्रयास करने लगे. उनके कार्य करने की क्षमता और कुशल सांगठनित गुण से भारतीय जनता पाटी के तत्कालीन संगठन मंत्री गोविंद सारंग काफी प्रभावित थे. कहते हैं कि प्रतिभा को पहचान समय के साथ मिल ही जाती है, कुछ ऐसा ही राजेश मूणत के साथ भाजपा संगठन मंत्री गोविंद सारंग से मुलाकात के साथ पूरी हुई. गोविंद सारंग ने एक ऐसे युवा की खोज पूर्ण कर ली थी. जिसमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन करने की क्षमता और सामर्थ्य था. वहीं राजेश मूणत ने गोविंद सारंग के रूप में एक ऐसे अनुभवी पथ प्रदर्शक को प्राप्त कर लिया था, जिसके छत्र-छाया में रहते हुए अपने सोच को धरातल में ला सकने में सफल हो सकते थे. गोविंद सारंग के इच्छा अनुरूप राजेश मूणत राजनीति में सक्रिय हो गए और उन्होंने दुगने उत्साह के साथ राजनीति में कार्य करना शुरू कर दिया. कुशल सांगठनिक नेतृत्व और सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने राजनीतिक में एक अलग छाप छवि स्थापित की है |
कांग्रेस के तेजतर्रार नेता को दी शिकस्त
युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहते हुए भारतीय जनता पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्व के आदेश पर 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तेज तर्रार मुखर और वरिष्ठ मंत्री तरुण चटर्जी के विरूद्ध भाजपा प्रत्याशी के रूप में उन्होंने चुनाव रायपुर ग्रामीण से लड़ा, जहां प्रदेश की सबसे बड़ी विजयी लीड 38000 वोटों की प्राप्त की. वहीं 2008 में प्रदेशव्यापी सीमांकन के उपरान्त उन्होंने रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और विजयी रहे. इसी कड़ी में 2013 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के युवा प्रत्याशी को पछाड़ते हुए अपनी जीत का परचम लहराया और हैट्रिक प्राप्त की जीत की. हालांकि, 2018 के चुनाव में कांग्रेस के युवा प्रत्याशी ने उन्हें पराजित किया. लेकिन राजेश मूणत ने हार नहीं मानी. उन्होंने बीते 5 साल विपक्ष में रहते हुए भी अपनी जिम्मदारियों को बखूबी निभाया है. मूणत ने 2018 से लेकर 2023 तक तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कुशासन की कलई खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने महंगी बिजली, अवैध चौपाटी और नागरिकों की समस्याओं को लेकर कई जनआंदोलनों की अगुवाई करते हुए सडक से अदालत तक लड़ाई लड़ी, वहीं उन्होंने महादेव एप मामले, चावल घोटाला समेत कई बड़े मामलों को उजागर किया. राजेश मूणत जानते थे कि छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की विदाई करनी हैं,तो तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को टारगेट करना होगा, लिहाजा उन्होंने ऐसे मामलों को उजागर किया,जिसमें भूपेश बघेल की संलिप्तता थी. मूणत को भूपेश बघेल के खिलाफ दमदारी से लड़ने वाले नेता के तौर भी जाना जाता है. भाजपा संगठन उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपता है,वह उसे बखूबी निभाते हैं. राजेश मूणत ने 2023 के विधानसभा चुनाव में फिर से जीत के साथ अपना वर्चस्व कायम रखा |
15 वर्षों में विकास की बदल दी परिभाषा
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में 15 वर्ष तक कई महत्त्वपूर्ण विभागों का मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य के विकास में अपना अहम योगदान दिया है. मूणत ने छत्तीसगढ़ में लोक निर्माण विभाग का मंत्री रहते सभी जिलों के कोने-कोने तक सड़कों का जाल बिछाने में अपनी संपूर्ण ऊर्जा खपाई है. प्रदेश की सभी प्रमुख सड़के, ओवर ब्रिज, फ्लाई ओवर, प्रमुख इमारतें सब कुछ मूणत के कार्यकाल में ही बने हैं. वहीं राज्य के आरटीओ मंत्री रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई कड़े फैसले लिए थे. राजेश मूणत के प्रशंसक कहते है कि आज छत्तीसगढ़ मूणत के बनाई संरचनाओं के आधार पर ही विकासपथ पर अग्रसर हैं.
बहरहाल, मूणत को कुशल संगठनकर्ता होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी में लोकसभा चुनाव में विजय हासिल करने के लिए रायपुर, राजनादगांव समेत कई अन्य लोकसभाओं की जिम्मेदारी सौंपी हैं. वह अपनी पूरी उर्जा के साथ भाजपा के विजय रथ को आगे बढ़ाने के लिए जुटे हुए हैं. उनके समर्थकों को इस बात की पूरी उम्मीद है कि आगामी दिनों में उन्हें कई अन्य महत्त्वूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है |