रायपुर(विश्व परिवार)– शहर के विभिन्न महाविद्यालयों में फरवरी माह में आयोजित जनजाति नायकों की गौरव गाथा पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की गई थी, आज कैबिनेट मंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री केदार कश्यप के द्वारा इस प्रतियोगिता के विजयी प्रत्याशियों को पुरस्कार वितरण किया गया ।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं भारत माता के पूजन से शुरू हुआ। प्रथम पुरस्कार लैपटॉप मोना साहू ,पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, द्वितीय पुरस्कार देव चरण नागेश ,विज्ञान महाविद्यालय एवं तृतीय पुरस्कार मानस रंजन हायबूरु एन आई टी ने जीता।
सभी अतिथियों के औपचारिक स्वागत पश्चात ,कार्यक्रम का संचालन करते हुए, रूपरेखा एवं प्रस्तावना पर रायपुर महानगर सचिव श्री राजीव शर्मा ने अपने विचार रखें। ,तत्पश्चात विशिष्ट अतिथि डायरेक्टर आईआईटी भिलाई श्री राजीव प्रकाश ने बताया की आई आई टी भिलाई द्वारा जनजातियों के विभिन्न पहलुओं को लेकर लगभग 50 प्रोजेक्ट संचालित किया जा रहे हैं आदिवासियों का गौरव स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व से ही रहा है।
कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा की जनजातीय के रहन-सहन उनकी सभ्यता और संस्कृति के बारे में इतिहास में कोई विशेष उल्लेख नहीं है यह जानने के लिए यदि हम जनजाति क्षेत्र में जाकर देखें तो वास्तविक जानकारी हासिल की जा सकती है।
पूर्व आईएएस श्री नीलकंठ टेकाम जी ने कहा कि जनजातीय समूह सामान्य सरल, सहज और स्वभाव का होता है, पूर्व में विभिन्न संप्रदाय के लोगों ने इसका फायदा उठाकर अपने सभ्यता की ओर खींचने का भरपूर प्रयास किया। अब प्रदेश एवं केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के नियम ,सहायता देकर उनको जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं भारतवर्ष के प्रमुख जनजाति नायकों की बारे में प्रदर्शनी लगाई गई । ग्रेसियस कॉलेज अभनपुर एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।
आभार प्रदर्शन डॉक्टर अनुराग जैन के द्वारा किया गया इस कार्यक्रम में उद्बोधनकर्ता अतिथियों के साथ-साथ अध्यक्षता माननीय श्री उमेश कश्यप जी ने की, मुख्य वक्ता के रूप में श्री रामनाथ कश्यप जी ने वनवासी समाज के इतिहास एवं वर्तमान स्थिति के बारे में बताया ,इस अवसर पर रायपुर महानगर अध्यक्ष श्री रवि गोयल, प्रवीन महेश्वरी, विभिन्न महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं प्रतियोगिता में शामिल रहे विद्यार्थी के साथ-साथ अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबंधित सभी शहर एवं प्रांत के पदाधिकारी उपस्थित रहे।