- आध्यात्मिक शिविर दीक्षांत समारोह में प्रतिभावान शिविरार्थियों ने लिया देव,शास्त्र, गुरु के प्रति समर्पण का संकल्प
ललितपुर(विश्व परिवार) | दिगम्बर जैन स्वाध्याय मण्डल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में 18 दिवसीय वीतराग विज्ञान आध्यात्मिक शिक्षण प्रशिक्षण शिविर का आज समापन हुआ। दीक्षांत समारोह में प्रतिभावान शिविरार्थियों ने देव,शास्त्र,गुरू के प्रति समर्पित रहकर समाज में जिनवाणी के प्रसार में योगदान का संकल्प लिया।
पं० टोडरमल स्मारक ट्रस्ट जयपुर के तत्वावधान में नगर के स्याद्वाद बाल संस्कार केन्द्र एवं वर्णी जैन कान्वेंट स्कूल प्रांगण में चले शिविर के दीक्षान्त समारोह में दिगम्बर जैन पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अनिल जैन अंचल ने अध्यक्षता करते हुए कहा धर्म को सर्वोत्कृष्ट मानकर आराधना करें जिससे मोक्ष मार्ग पर पहुंचा जा सके।उन्होंने कहा विद्वान हमारी समाज की धरोहर हैं, जिनके माध्यम से समाज को धर्म का ज्ञान मिलता है। मुख्य अतिथि व्यापार मण्डल के प्रान्तीय चैयरमेन महेन्द्र मयूर ने कहा धर्म के संस्कारों के लिए जितनी शिक्षा दी जाए उतनी कम है हमें ऐसे अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। डा० राजकुमार जैन ने कहा शिविर में हमें आत्मावलोकन का मौका मिलता है।इससे जीवन में अमूलचूल परिवर्तन आते है। शिविर में बालबोध प्रवेशिका परीक्षा में प्रथम स्थान राजेन्द्र जैन खडेरी, द्वितीय सुनील कुमार अमायन, तृतीय सोनिया शुभम कुमार रहे। शिविर में 161 विद्यार्थियों ने विशेष योग्यता, 114 ने प्रथम श्रेणी 27 ने द्वितीय श्रेणी एवं 9 विद्यार्थियों ने तृतीय श्रेणी उत्तीर्ण की आनलाइन प्रशिक्षण मे सुविधि सातपुते ने अव्वल रहे।
प्रथम,द्वितीय, तृतीय प्राप्त प्रशिक्षिणार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। शिविर में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों व विद्वानों ने शिविर की सफलता के अनुभव साझा किए। पं० अध्यात्म प्रकाश भारिल्ल ने वीतराग विज्ञान पाठशाला की जानकारी देते हुए बताया देश के विभिन्न राज्यों में 600 से अधिक पाठशालाओं में बच्चे अध्ययन करके जैन धर्म की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस शिविर में प्रतिभाग करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को सही दिशा व दशा को चुनकर जीवन को सफल बनाने के सूत्र शिविर में प्रशिक्षण के दौरान दिए गए है। शिविर के अध्यक्ष मुन्नालाल जैन अभिलाषा ग्रुप ने टोडरमल स्मारक द्वारा विगत 50 वर्षों से तत्वज्ञान के प्रचार-प्रसार के संबंध में जानकारी दी।उन्होंने बताया कि स्मारक से अध्ययन करके जो बच्चे निकलते है वह शास्त्री परीक्षा उत्तीर्ण कर धर्म का प्रचार-प्रसार देश में करते हैं। शिविर का संचालन पं० जिनकुमार शास्त्री द्वारा किया गया जबकि मंगलाचरण समर्थ जैन ललितपुर ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से पं० परमात्म प्रकाश भारिल्ल, गुणमाला जैन, अभय कुमार शास्त्री नासिक, ब० शान्तिकुमार पाटिल, डा० मनीष जैन मेस्ट,डा० प्रवीण जैन इन्दौर, पं० भानु कुमार जैन,ब्रहमचारिणी कमल श्री नायक ललितपुर,पं०निलय जैन आगरा के अतिरिक्त आयोजन समिति के महामंत्री एड० सुरेश जैन बानपुर अखिलेश चौधरी, शिखर चंद जैन,संजय शास्त्री, प्रीति जैन, जिनेन्द्र जैन शास्त्री,डा० अरविन्द दिवाकर मौजूद रहे। शिविर की व्यवस्थाओं को विवेक जैन अभिलाषा,अनुराग जैन,सुशान्त जैन गोल्डी,प्रीतिंकर शास्त्री,अनुपम जैन
,नितिन जैन सीमांत लोहिया,अंकित कठरया, अमिताभ जैनिथ, राहुल जैन, शिक्षक पुष्पेन्द्र जैन,संजय जैन, राकेश अनौरा,राहुल शास्त्री आदि का गोगदान रहा है।