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सगुन को देख कर आप घोषणा कर सकते हैं किआगे मंगल ही मंगल होगा –मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज

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छतरपुर नगर में मुनि पुंगव की भव्य आगवानी
आप प्रयास करें तो कुछ समय छतरपुर वासियों को मिल सकता हैं–विजय धुर्रा
छतरपुर(विश्व परिवार) आप मन्दिर गये मुझे प्रभु के दर्शन मिल जाए और प्रभु के दर्शन मिल गये वस सगुन हो गया श्री कृष्ण से अर्जुन युद्ध के मध्य में प्रश्न कर देते हैं कि इस युद्ध में जीतने की गारंटी क्या है तातश्री जैसे योद्धाओं से जीत पाऊंगा द्रोण चार्य कृपा चार्य से जीत पाऊंगा पूज्य गुरुदेव संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज इस प्रसंग को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं जव आप इधर-उधर देखने लगते हैं जंगल में भटक जाओ तो अंदर की आवाज आने लगती है मधुसूदन कहते हैं अर्जुन इधर-उधर क्या देख रहे हैं
कभी मन में हतास हो जाये तो एक मोटी वेसन देता हूं इधर उधर देखने से तुम्हारे मन में रास्ता निकल आता है तुम्हारे लिए मालूम है कि यात्रा सफल नहीं होंगी थोड़ा नगर पालिका की सीमा के वाहर तक जा कर देखना आज जहां हम है वहां सर्वग  नहीं है तो जरा निकालो बाहर और सगुन मिल जाए तो पंचर गाड़ी में बैठ जायें तो भी मंजिल पर पहुंच जाओगे उक्त आश्य केउद्गार मुनि पुंगव श्रीसुधासागरजी महाराज ने व्यक्त किए।
अंचल के भक्तों ने पलक पांवड़े बिछाकर की भक्ति
मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने बताया कि कानपुर से विहार करते हुए निर्यापक श्रमण मुनि पुगंव श्रीसुधासागरजी महाराज एवं क्षुल्लक श्री गंभीर सागर जी महाराज ससंघ का आज छतरपुर जिला मुख्यालय पर भव्य प्रवेश हुआ जहां नगर वासियों ने मुनि संघ का पलक पांवड़े बिछाकर भव्य स्वागत किया मुनि संघ को भव्य शोभायात्रा के रूप में नगर में प्रवेश कराया जहां स्थान स्थान पर भक्तों ने गुरु देव की आरती उतारी पाद प्रक्षालन कर रंगोलियां सजा कर अपनी आत्मीयता के साथ अगवानी की इस दौरान पूरे अंचल से भक्तो का जमावड़ा छतरपुर की धरती पर रहा।
लो सगुन देता हूं कल भी तुम्हारा अच्छा होगा भविष्य भी अच्छा होगा
इस दौरान धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि पुगंव श्री सुधासागरजी महाराज ने कहा कि न्यायालय में आपने देखा होगा कि जो मोनो लगा है उसकी आंख पर पट्टी लगी है न्यायालय अंधा है सारी दुनिया उस अंधे से न्याय चाह रही है जिसने आंख से देखा है उसका न्याय मान्य नहीं है अंधे का न्याय मान्य है उसका न्याय मान्य होता है सारी दुनिया उसके न्याय को मानतीं है उसके हाथ में जो तराजू है उसके दोनों पलड़े वरावर है ऐसे ही सगुन है जो तुम्हारे लिए न्याय मिलेगा सगुन अंधा लेकिन तुम्हारे लिए संकेत मिल जायेगा श्री कृष्ण ने अर्जुन से कह दिया कि अर्जुन तुम्हारी विजय होगी सामने से आ रहे दिगम्बर मुनि को देखकर घोषणा कर दी ये सगुन था जिसने विना सर्वग के भी संगुन को देखकर घोषणा कर देते हैं आपके नगर में दिगम्बर मुनि राज आये है मैं तुम्हारे लिए सगुन हूं मेरे पास अपना हाथ दिखाने मत आना मैं कुछ नहीं देखता लेकिन ऐसा सगुन देकर जा रहा हूं कि कल भी तुम्हारा अच्छा था भविष्य भी अच्छा होगा

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