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सपा को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री नारद राय ने किया पार्टी छोड़ने का ऐलान

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लखनऊ (विश्व परिवार) पूर्वांचल की बलिया लोकसभा सीट के लिए सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है. चुनाव प्रचार के लिए महज तीन दिन का समय बचा है और वोटिंग में केवल चार दिन. मतदान इतना करीब है और समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री नारद राय ने पार्टी छोड़ने, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जॉइन करने का ऐलान कर दिया है. बलिया के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले नारद ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एक्स पर पोस्ट कर यह ऐलान कर दिया है।

अमित शाह से मुलाकात के बाद नारद राय ने कहा कि बहुत भारी और दुखी मन से समाजवादी पार्टी छोड़ रहा हूं. नारद राय ने कहा कि 40 साल का साथ था जो आज छोड़ दिया. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बेइज्जत करने का आरोप लगाया और कहा कि मेरी गलती यह है कि अखिलेश और मुलायम में मुलायम को चुना. नारद ने कहा कि पिछले सात साल से मुझे लगातार बेइज्जत किया जा रहा था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2017 में मेरा टिकट अखिलेश यादव ने काटा. नारद ने कहा कि 2022 में अखिलेश ने टिकट दिया लेकिन साथ ही साथ मेरी हार का इंतजाम भी कर दिया. उन्होंने दो दिन पहले बलिया में हुई अखिलेश की रैली का जिक्र करते हुए कहा कि मंच पर भी मुझे बेइज्जत किया गया. अखिलेश यादव ने मंच से मेरा नाम तक नहीं लिया. नारद राय ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि अब अपनी पूरी ताकत बीजेपी के लिए लगाएंगे. उन्होंने कहा कि जितना हो सकेगा, उतनी ताकत से बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेंगे।

गौरतलब है कि नारद राय बलिया सदर विधानसभा सीट से विधायक और यूपी में सपा की सरकारों में मंत्री रहे हैं. उनकी गिनती बलिया के बड़े भूमिहार नेताओं में होती है. ये पहला मौका नहीं है जब नारद का सपा से मोहभंग हुआ हो. खुद को जनेश्वर मिश्रा का शिष्य, राजनारायण की परंपरा का राजनेता बताने वाले नारद राय ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी छोड़ी थी. नारद ने तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जॉइन की थी. नारद बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन बीजेपी के आनंद स्वरूप शुक्ल से मात मिली।

नारद राय 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा में लौट आए थे. 2022 के चुनाव में वह सपा के टिकट पर मैदान में उतरे. इस बार भी नारद को जीत नसीब नहीं हुई. नारद को बीजेपी के दयाशंकर सिंह ने हरा दिया. लोकसभा चुनाव में भी वह सपा से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त को कड़ी टक्कर देने वाले सनातन पाण्डेय पर भरोसा जताया।

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