Home रायपुर सफलता का अर्थ ख़ुशी है पैसा नहीं – डॉ नीता कँवर

सफलता का अर्थ ख़ुशी है पैसा नहीं – डॉ नीता कँवर

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• जब हाथ देने वाला हो तो महिलाएं सशक्त होगीं – श्रीमती मीनाक्षी टुटेजा

रायपुर(विश्व परिवार)–  आंजनेय विश्वविद्यालय में बुधवार को “एवोल्विंग एस ए पॉवर वीमेन” विषय में चर्चा कार्यक्रम का आयोजन हुआ । इस अवसर पर कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के रूप में प्रदेशभर में काम के नाम पर अपनी पहचान बना चुकी महिलाओं का पैनल मौजूद रहा । पैनेलिस्ट श्रीमती मीनाक्षी टुटेजा (आंत्रप्रेन्योर मिनाक्षी ग्रुप ऑफ कम्पनीज) ने कहा कि स्वरोजगार से महिलाएं अपने व्यवसाय की मालकिन बनती हैं, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता का अनुभव होता है । वे अपने कौशल और प्रतिभा के आधार पर अपने निर्मित व्यवसाय को सफल बनाती हैं । वहीं समाज में उनकी स्थिति में सुधार होता है । उनके आर्थिक स्वतंत्रता और सक्रिय भागीदारी से समाज में समानता और विकास की दिशा में प्रगति होती है । पैनेलिस्ट श्रीमती हेमलता एन स्वामी (निदेशक इआईसीएस ग्रुप ऑफ कम्पनीज) ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का आधार कहीं न कहीं हम महिलाएं हैं । हर महिला के जीवन में अपना अलग संघर्ष है बिना संघर्ष जीवन सफल नहीं हो सकता । जीवन के जिस पडाव में आप सफल होंगी “सफल” कहलाएंगी । महिला शक्ति क्या है एक प्रश्न के जवाब  में पैनेलिस्ट श्रीमती नेहा तिवारी (सीइओ एन्ड को – फाउंडर स्मार्ड़ो टेक्नोलॉजी)  ने कहा कि सोच का पंख होना ही एक महिला की शक्ति है । खूब पढ़ना और अपने सपनों को जीना यही एक महिला की ताकत है । घर और काम के बीच संतुलन कैसे बनाए का उत्तर देता हुए डॉ नीता कँवर (गायनेकोलॉजिस्ट) ने कहा कि हम जिस भारतीय समाज में रहते हैं वहां परिवार पहली प्राथमिकता है जो अच्छी बात है, इसलिए हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम घर और काम के बीच सामंजस्य बिठा पाए ।  कम उम्र में सफलता प्राप्त कर चुकी पलक नचरानी (आर्किटेक्ट) ने कहा कि समाज की सुनने से अच्छा है अपनी सुनों तो सफलता आपकी है । अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि कोविड में उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया इस बीच बहुत से उतार चढ़ाव जीवन में आए लेकिन स्वयंसिद्धा बनाना ही अंतिम लक्ष्य महिलाओं का होना चाहिए ।
विश्वविद्यालय के चांसलर श्री अभिषेक अग्रवाल ने अपने स्वागत उद्बबोधन में कहा कि आज पूरा विश्व महिला शक्ति को मानता है । इस तरह के कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय कटीबद्धता को दर्शता है जिसके लिए हमारा विश्वविद्यालय लगातार प्रयास कर रहा है । ऐसे कार्यक्रम महिलाओं के आत्मसम्मान, अधिकार और विकास को बढ़ावा देने के लिए उनकी योगदान की महत्ता को समाज में समझने का मौका देते है ।
कार्यक्रम में प्रो चांसलर श्रीमती दिव्या अग्रवाल, वाइस चांसलर डॉ टी रामाराव, प्रो वाइस चांसलर श्री सुमीत श्रीवास्तव, डायरेक्टर जनरल डॉ बीसी जैन सहित कार्यक्रम की संयोजक मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. रूपाली चौधरी , विभिन्न संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण , कर्मचारीगण, शोधार्थी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता एवं रायपुर शहर की प्रबुद्ध महिलाएं उपस्थित रहीं ।

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