- नौ मई को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं-12वीं के नतीजे जारी किए थे।
- इसके बाद 12वीं की कॉपियों में पुनर्गणना के लिए एक हजार 84 आवेदन प्राप्त हुए थे।
- वहीं पुनर्मूल्यांकन के लिए कुल नौ हजार 876 आवेदन सीजी बोर्ड को प्राप्त हुए थे।
रायपुर(विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने रविवार को 12वीं मुख्य परीक्षा 2024 के पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन का परिणाम जारी कर दिया है। इससे चार हजार से अधिक परीक्षार्थियों का अंकों में बदलाव हुआ है।
इससे उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों की पोल खुल गई है कि और कई सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार अब माशिमं के अधिकारी भी ऐसे शिक्षकों की सूची बनवा रहे हैं, जिन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने में लापरवाही बरती है।
उसके बाद संबंधिक शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। माशिमं ने पहले से चेतावनी जारी कर कहा था कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लापरवाही को नजर अंदाज नहीं किया जाएगा। अब ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई होगी।
पुनर्मूल्यांकन में परीक्षार्थियों के 20 से अधिक अंक बढ़े हैं। बताया जाता है कि 20 अंक से अधिक बढ़ने वाले छात्रों की संख्या अधिक है। जानकारी के अनुसार पुनर्गणना में 153 और पुनर्मूल्यांकन में 4,284 अभ्यर्थियों के अंकों में बदलाव हुआ है।
नौ मई 2024 को माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं-12वीं के नतीजे जारी किए थे। पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के परीक्षा परिणाम माध्यमिक शिक्षा मंडल की वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर उपलब्ध हैं।
करीब 11 हजार आवेदन आए थे
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि पुनर्गणना के एक हजार 84 आवेदन और पुनर्मूल्यांकन के कुल नौ हजार 876 आवेदन समेत 10 हजार 960 आवेदन प्राप्त हुए थे।
मंडल की तरफ से जारी परिणाम में पुनर्गणना के 153 और पुनर्मूल्यांकन के चार हजार 284 आवेदकों के अंकों में परिवर्तन हुआ है, जबकि उत्तर पुस्तिकों के मूल्यांकन कार्य के लिए 18 हजार से अधिक शिक्षकों की ड्यटी लगाई थी।
शिक्षकों की लापरवाही पर कार्रवाई का प्रविधान
20 से 40 अंक बढ़ने पर सभी तरह के पारिश्रमिक और काम से तीन साल के लिए वंचित रखने की सिफारिश हो सकती है।
41 से 49 अंक बढ़ने पर सभी पारिश्रमिक और काम से तीन साल के लिए वंचित करने के साथ एक वेतनवृद्धि रोकने की सिफारिश हो सकती है।
50 से अधिक अंक बढ़ने पर निलंबन के लिए राज्य शासन को पत्र भेजा जा सकता है या भविष्य के लिए पारिश्रमिक काम से वंचित किया जा सकता है।