जयपुर(विश्व परिवार) | प. पू. भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न 105 गुरु माँ विज्ञाश्री माताजी ससंघ सिद्धार्थ नगर जयपुर में विराजमान है और सुबह , दोपहर , शाम तीनों समय भक्तों को भक्ति से जोड़ने का प्रयास कर रही है । भक्तगण भी सही समय पर उपस्थित होकर पूज्य माताजी के प्रवचन , दोपहर में स्वाध्याय व शाम को आनन्द यात्रा का आनंद ले रहे हैं ।
पूज्य माताजी ने सभी को धर्म संबोधन देते हुए कहा कि – जीवन में कितनी भी परेशानियाँ या संकट आ जाये हमें हिम्मत नहीं हारना चाहिए। टूट कर भी जो मुस्कुरा दे उसे कोई कैसे हरा दे । खेल खेलने में तभी मजा आता है जब जिंदगी दाव पर पर लगी हो । जहां से डर खत्म होता है जीत वही से शुरू होती है ।
जिंदगी में कैसा भी मोड़ आये कभी हिम्मत मत हारना , क्योंकि तुम्हारी हिम्मत ही तुम्हें हर कठिनाई से बाहर निकलेगी
पूज्य माताजी ने भीषण गर्मी में अनशन व्रत के माध्यम से उत्कृष्ट चर्या का जो उदाहरण प्रस्तुत किया जिससे लोग धन्य धन्य कह उठें ।