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हृदय में गुरु विराजमान है तो आप पाप नहीं कर सकते मुनिश्री वीरसागर

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सागर(विश्व परिवार)। ऑक्सीजन के बिना कोई जीवित नहीं रह सकता है ह्रदय एक मिनट को बंद हो जाए तो शरीर नीचे रहता है और आत्मा ऊपर चली जाती है। सांसें गर्भ में आए शिशु से लेकर व्यक्ति के अंतिम समय तक सिर्फ हृदय चलता है गुरु का नाम व्यक्ति अपने हृदय में लेकर के चिंतित रहता है। जिसके हृदय में गुरु विराजमान होते हैं वह कभी पाप नहीं कर सकता है यह बात निर्यापक मुनि श्री वीर सागर महाराज ने पारस नाथ जैन मंदिर कटरा के फर्श पर कही। उन्होंने कहा कि आप अन्य कितने समय खाते पीते हैं ? पानी से जीवन चलता है जब पेट भर जाता है आप उससे ज्यादा खा पी नहीं सकते हैं और यदि खाना पीना जारी रखा तो उल्टी हो जाती है क्योंकि भोजन पानी करने की एक अपनी सीमा है और उसके बाद विरक्ति हो जाती है। मुनिश्री ने कहा आती जाति सांसों में गुरु का नाम व्यक्ति के हृदय में बना रहता है। गुरुदेव ने बुंदेलखंड वालों को क्या नहीं दिया 40-45 साल पहले जैनों की स्थिति क्या थी लेकिन गुरुदेव के बुंदेलखंड में आने के बाद जैन करोड़पति और अरबपति हो गए और दानवीर भी बन गए। गुरुदेव ने लाखों करोड़ों लोगों को बांटा ही बांटा है उजाड़ा किसी को नहीं है बुंदेलखंड से चेतन (मुनि) और अचेतन दिए हैं गुरुजी का अधूरा सपना भाग्योदय में बन रहा सर्वतोभद्र जिनालय है यदि कोई सपना आपको पूरा करना है तो आपकी नींद उड़ जाना चाहिए जब चिंता होती है तो नींद भी उड़ जाती है इसी प्रकार मंदिर निर्माण जल्दी हो। इसके लिए भी आप सभी की नींद उड़ जाना चाहिए। गुरुदेव ने जो आप सागर वालों को दिया है वो किसी अन्य जगह को नहीं। कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना और सपन जैन ने किया पारसनाथ मंदिर कमेटी इन्द्रकुमार नायक देवेन्द्र जैना, प्रकाश जैन ने मुनिश्री को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लिया। पाद प्रच्छालन महेश बिलहरा संतोष बिलहरा परिवार ने किया। शास्त्र भेंट करने का अवसर मनोज जैन आरंभ, सुनील जैन बरौदा, संतोष जैन बिलहरा, साधिका अनीता दीदी, सीए आशिका समैया, विशाल जैन पथरिया, पारस प्रगति महिला मंडल नमक मंडी को मिला |

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