Home आरंग पुण्यश्लोक लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वी जयंती महोत्सव मनाई गई 

पुण्यश्लोक लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300वी जयंती महोत्सव मनाई गई 

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आरंग (विश्व परिवार)। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर एवं अग्रसेन योगासन शाखा अग्रवाल पारा आरंग द्वारा आज ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को लोकमाता अहिल्या देवी होल्कर की त्रि शताब्दि जन्मोत्सव मनाई गई।
अग्रसेन योगासन शाखा अपने नित्य दिनचर्या विभिन्न आसन , प्राणायाम ,ध्यान योग एवं संघ प्रार्थना के पश्चात मुख्य अतिथि सतीशचंद्र अग्रवाल एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष विनोद गुप्ता द्वारा देवी अहिल्या बाई होल्कर ,डॉ .केशव बलिराम हेडगेवार एवं गुरु जी सदाशिव गोलवरकर की छाया चित्र पर पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया । मुख्य अतिथि सतीशचंद्र अग्रवाल द्वारा अपने उध्बोधन में कहा कि देवी अहिल्या बाई होल्कर धैर्य संयम की प्रतिमूर्ति थी ।जिसके आधार पर तीस वर्षों तक शासन किया । वे भगवान शिव की अनन्य भक्त थी । द्वादश ज्योतिर्लिंग का पुनरुद्धार किया । कर्तव्य पथ पर निष्ठा रखते हुए उन्होंने जल संरक्षण , पर्यावरण विकास जैसे अनेक कार्य किए , हमें अपने बच्चों एवं परिवार में चर्चा कर उनकी दूरदृष्टि सोच को आत्म साध करने की आवश्यकता है ।कार्यक्रम के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने कहा कि अहिल्या बाई होल्कर बचपन से अंत तक दुख कष्ट सहन किये इसलिए वे निरन्तर आगे बढ़ते गए । उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से उनके योगदान का पाठ किया – श्लोक माता राष्टमाता को शत शत नमन है । बहुत ही सुंदर मर्म भरा रहा । शंकर पाल ने कहा कि देवी अहिल्या बाई एक बार श्रावणी महोत्सव में पुजारी द्वारा सिधेश्वर महादेव मंदिर में महिलाओं को प्रवेश से वर्जित किए जाने पर अपने सहेलियों द्वारा नदी तट पर स्वयं के पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर भगवान शिव की पूजा किया । इस प्रकार हर समस्या का हल कुछ न कुछ विकल्प के रुप में निकाल लेते थे । शिव कुमार गुप्ता द्वारा सुभाषित एवं अमिताभ अग्रवाल द्वारा अमृत वचन का वाचन किया गया ।

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