Home दिल्ली अरविंद केजरीवाल ने जेल से भेजा संदेश, बोले- लोकतंत्र खतरे में

अरविंद केजरीवाल ने जेल से भेजा संदेश, बोले- लोकतंत्र खतरे में

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नई दिल्ली(विश्व परिवार) सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्नी सुनीता केजरीवाल के जरिये जेल से संदेश भेजकर कहा है कि लोकतंत्र  पर खतरा मंडरा रहा है। इसलिए डॉ. आंबेडकर की जयंती को पूरे देश में ‘संविधान बचाओ-तानाशाही हटाओ’ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पार्टी के सभी मंत्री, विधायक, नेता, पार्षद और कार्यकर्ता 14 अप्रैल को देशभर में बाबा साहब की तस्वीर के सामने इकट्ठे होकर संविधान को बचाने का संकल्प लेंगे। वहीं, दूसरे संदेश में सीएम ने दिल्ली के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं को हर कीमत पर दिल्लीवालों की सेवा जारी रखने को कहा है, ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो।

अरविंद केजरीवाल की ओर से जेल से भेजे गए संदेश को लेकर बुधवार को उनके आवास पर बैठक हुई। बैठक में सुनीता केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, राष्ट्रीय महासचिव संगठन डॉ. संदीप पाठक, सांसद संजय सिंह, दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय, मंत्री सौरभ भारद्वाज और जस्मीन शाह समेत अन्य नेता शामिल हुए। बैठक में अरविंद केजरीवाल से मिले संदेशों पर अमल करने का फैसला लिया गया।

पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बताया कि मंगलवार को सुनीता केजरीवाल जेल में अरविंद केजरीवाल से मिलने गईं थीं। सीएम केजरीवाल ने जेल से पार्टी के लिए दो संदेश भिजवाए हैं। अपने पहले संदेश में कहा है कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद किसी भी कीमत पर दिल्ली के लोगों की सेवा जारी रखनी है। दिल्ली की जनता को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आनी चाहिए। वहीं दूसरे संदेश में कहा है कि वह जेल में इस तानाशाही सरकार की हर बाधाओं और हर अत्याचार को बर्दाश्त करने के लिए तैयार हैं। लेकिन इस समय सबसे जरूरी देश के संविधान को बचाना है।

जोरशोर से कर चल रहा आप का चुनाव प्रचार : राय
गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी जिन राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ रही है, वहां पार्टी का चुनाव प्रचार जोर शोर से जारी है। पंजाब में पहले ही सीएम अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान कैंपेन लांच कर चुके हैं। दिल्ली में भी जेल का जवाब वोट से कैंपेन शुरू हो चुका है। असम, कुरुक्षेत्र और गुजरात में भी कैंपेन चल रहा है। अगले सप्ताह पार्टी बैठक कर चुनावी अभियान को लेकर विस्तार से चर्चा करेगी।

केजरीवाल का वजन एक किलो बढ़ा : दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल का वजन एक किलो बढ़ गया है। सामान्य परिस्थितियों में जहां खाली पेट मधुमेह का स्तर 70 होता है, वहीं मुख्यमंत्री की जांच में यह स्तर 160 पाया गया है। दूसरी तरफ जेल प्रशासन का कहना है कि मुख्यमंत्री सहित किसी भी कैदी के स्वास्थ्य से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं की जाती। तिहाड़ जेल प्रशासन का दावा है कि मुख्यमंत्री जेल में पूरी तरह स्वस्थ हैं। मुख्यमंत्री जब जेल में आए थे, तब इनका वजन 65 किलो था। जेल में मुख्यमंत्री के पहुंचने के कुछ समय बाद ही आम आदमी पार्टी की ओर से दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री का वजन जेल में कम हो गया है, तब जेल प्रशासन ने वजन कम होने की बात को पूरी तरह खारिज कर दिया था। जेल सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का रक्तचाप सामान्य है। हर दिन सुबह व शाम चिकित्सकों द्वारा मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की जांच की जाती है।

सीएम ने जेल मैनुअल की प्रति मांगी मच्छरदानी भी दी गई
सीएम केजरीवाल ने तिहाड़ जेल प्रशासन से जेल मैनुअल की प्रति मांगी। बुधवार को ही जेल प्रशासन ने उन्हें उपलब्ध करा दिया। उन्हें मच्छरदानी उपलब्ध कराई गई है साथ ही उनके सेल में 20 चैनलों वाला टेलीविजन भी लगाया गया है। हालांकि केजवरीवाल टीवी नहीं देख रहे हैं। वह कोठरी में उपलब्ध कुर्सी पर बैठकर ज्यादातर समय किताबें पढ़ते और कुछ लिखते नजर आते हैं। इसके अलावा सेल की लॉबी में टहलते हैं साथ ही ध्यान और योग भी करते हैं। तिहाड़ जेल के अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यदि जेल पुस्तकालय में उपलब्ध है तो कैदी कोई भी किताब पढ़ सकता है। जेल मैनुअल पुस्तकालय में उपलब्ध है, इसलिए तत्काल उपलब्ध करा दिया गया। जेल अधिकारियों ने केजरीवाल की सेल में दो सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।

‘जेल में मिले न्यूनतम अधिकार को भी छीन रही केंद्र सरकार’
आम आदमी पार्टी के नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल में मिले न्यूनतम अधिकार भी छीनना चाहती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वकील के जरिये विधायकों को क्षेत्र में जाकर जनता की समस्याएं सुनने और समाधान करने का संदेश भेजा था। मोदी सरकार इस मामले की जांच करा रही है। साथ ही केजरीवाल को परिवार और वकील से मुलाकात बंद करने की धमकी दी जा रही है।

बुधवार को पार्टी मुख्यालय में संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल को मोदी सरकार जेल में हिटलरशाही की तरह रख रही है। वह तिहाड़ जेल को हिटलर के गैस चैंबर में तब्दील करना चाहती है। वह जेल में बड़े से बड़े खूंखार अपराधियों को अधिकार दे रही है, लेकिन केजरीवाल से अधिकार छीन रही हैं। दरअसल दो दिन पहले केजरीवाल ने अपने वकील से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने विधायकों के लिए संदेश भेजा था कि वह रोजाना अपने क्षेत्र में जाकर जनता की समस्याएं सुनें और उसका समाधान करें। मगर मोदी सरकार को उनका संदेश देना अच्छा नहीं लग रहा है और वह उनकी परिजनों से बात करानी बंद करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि क्या केजरीवाल जेल में रहकर अपने परिवार और बूढ़े मां-बाप का हाल चाल नहीं ले सकते?

केजरीवाल और मान की मुलाकात से पहले तय होगी सुरक्षा
तिहाड़ जेल में सीएम अरविंद केजरीवाल से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की मुलाकात कराने से पहले दोनों मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए दिल्ली और पंजाब पुलिस दोनों के आला अधिकारी शुक्रवार को 11 बजे बैठक करेंगे। तिहाड़ जेल मुख्यालय परिसर के उप निरीक्षक कार्यालय में होने वाली बैठक में दिल्ली पुलिस, तिहाड़ जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पंजाब पुलिस महानिदेशक जेल के अंदर सुरक्षा की योजना तैयार करेंगे। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्रियों की मुलाकात कराई जाएगी।

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने केजरीवाल से मिलने के लिए तिहाड़ प्रशासन से समय मांगा था, इसके बाद दिल्ली और पंजाब पुलिस ने दोनों मुख्यमंत्रियों की मीटिंग कराने से पहले जेल में इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने से पहले बैठक करने का फैसला किया है। जेल अधिकारियों ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि दोनों मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने और दिल्ली जेल नियमों के तहत अनिवार्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इससे पहले दिन में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि वह और पंजाब के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जेल में मिलना चाहते थे, लेकिन जेल अधिकारियों ने इनके पास टोकन नंबर होते हुए भी मुलाकात रद्द कर दी।

जेल में अपने वकील से हफ्ते में दो बार ही मिल सकेंगे केजरीवाल
अदालत ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में रहते हुए उनकी कानूनी बैठकें बढ़ाने की मांग की गई थी।

केजरीवाल ने अपनी कानूनी बैठकों को सप्ताह में दो बार से बढ़ाकर पांच बार करने के लिए आवेदन दायर किया था। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 5 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद आज आवेदन खारिज कर दिया।

केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ चल रहे 35 से 40 मामलों को देखते हुए सप्ताह में दो बार आधे घंटे का वर्तमान समय अपर्याप्त है। जैन ने आप नेता संजय सिंह के मामले को उजागर करते हुए दलील दी कि यह मौलिक अधिकार है, जिन्हें न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान सप्ताह में तीन बार अपने वकीलों से मिलने की अनुमति दी गई थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि जेल से केजरीवाल का शासन चलाने के लिए अतिरिक्त विशेषाधिकार का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि परामर्श के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए कानूनी बैठकों का दुरुपयोग किया जा रहा है। साथ ही धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए गए हैं कि केजरीवाल अपने वकीलों के माध्यम से आदेश जारी कर रहे हैं।

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