(विश्व परिवार)-चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सीमा विवाद के बीच भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ठीक से प्रबंधित करने और बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश राजनयिक और सैन्य चैनलों के जरिए बात चीत कर रहे हैं. माओ निंग ने उम्मीद जताई है कि भारत और चीन आपसी विश्वास बढ़ाने, संवाद और सहयोग बनाए रखने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए मतभेदों को सुलझाने के लिए मिलकर काम करेंगे |
चीन की ये प्रतिक्रिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के साथ चीन के संबंध पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं. पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि भारत और चीन दोनों को मिलकर बातचीत के जरिए सीमा विवाद का हल निकाला चाहिए |
5 मई, 2020 को शुरू हुए मौजूदा गतिरोध के कारण दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की बातचीत हो चुकी है. चीनी सेना के अनुसार दोनों पक्ष अब तक गलवान घाटी, पैंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग्स और जियानान दबन से पीछे हटने पर सहमत हुए हैं. हालांकि भारत अन्य क्षेत्रों में और अधिक सैनिकों की वापसी के लिए दबाव डाल रहा है, यह कहते हुए कि चीन के साथ उसके संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सीमाओं का सामान्यीकरण महत्वपूर्ण है |
रूप रेखा बनानी पर दिया जोर
चीन की प्रवक्ता माओ निंग ने सीमा विवाद पर कहा है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को ठीक से प्रबंधित कर उचित रूप से रखा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के राजनयिक आपस में बातचीत कर रहे हैं. चीन ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों ही देशों को एक दिशा में मिलकर काम करना चाहिए. इससे संबंधों में विश्वास बढ़ेगा. मिंग ने यह भी कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए मतभेदों का हल निकाला जाना जरूरी है |