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बस्‍तर के लिए चुनाव आयोग की ठोस रणनीति, छत्‍तीसगढ़ की 11 सीटों पर 2019 से ज्यादा मतदान का लक्ष्य

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  • विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव का नेतृत्व महिला आइएएस के कंधों पर
  • छत्‍तीसगढ़ में दो करोड़ पांच लाख मतदाता, पुरुषों से फिर आगे हैं महिलाएं

रायपुर(विश्व परिवार) विधानसभा चुनाव के 90 सीटों पर मतदान की जिम्मेदारी संभालनेे के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) रीना बाबा सााहेब कंगाले केे नेतृत्व में प्रदेश में अब लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने जा रहा है। प्रदेश में वह पहली महिला अधिकारी हैं, जिसने विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव कराने का दायित्व मिला है। विधानसभा चुनाव में रिकार्ड मतदान दर्ज किया गया है।

अब लोकसभा चुनाव 2024 में निर्वाचन कार्यालय ने 2019 के मतदान प्रतिशत 71.48 से आगे बढने का लक्ष्य है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले एक आइएएस अधिकारी हैं। उनके पिता एक आइपीएस अधिकारी रह चुके हैं। चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले के साथ राज्य ब्यूरो संवाददाता अजय रघुवंशी से बातचीत के प्रमुख अंश…।

सवाल: विधानसभा के बाद अब लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी आपके कंधों पर हैं, किस प्रकार की तैयारियां है?

जवाब: सरगुजा से लेकर बस्तर सहित ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति लोगों में उत्साह है। विधानसभा के अब लोकसभा में प्रदेश के कुल मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। प्रदेश में 2 करोड़ पांच लाख 13 हजार 252 पात्र मतदाता हैं। लोकसभा चुनाव की सभी चुनौतियों पर खरा उतरेंगे। निर्वाचन कार्यालय की तैयारियां पूरी हो चुकी है। लोकसभा सीट वार चरणबद्ध तरीके से निर्वाचन कार्य सम्पन्न कराया जाएगा।

सवाल: बस्तर के लिए किस प्रकार की रणनीति है?

जवाब: नक्सल प्रभावित बस्तर में पहले चरण के मतदान के लिए निर्वाचन कार्यालय ने ठोस रणनीति अपनाई है। यहां मतदान दलों को दुर्गम क्षेत्रों में भेजने के लिए भारतीय वायुसेना के 10 एमआइ हेलीकाप्टर तैनात रहेंगे। शैडो एरिया के लिए भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। बस्तर के सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक करते हुए संवेदनशील मतदान केेंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था की विशेष रूप से तैयारियां की गई है। प्रदेश में सबसे अधिक मतदाता लिंगानुपात है। यहां 14 लाख 72 हजार 207 मतदाताओं में सात लाख 71 हजार 679 महिला मतदाता हैं, जो कुल मतदाताओं का 52 प्रतिशत है। बस्तर में कुल 1961 मतदान केंद्रों में से 191 संगवारी मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बस्तर में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा बलों की 350 कंपनियां डिप्लाय की गई है।

सवाल: शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की क्या तैयारियां है?

जवाब: ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी इस लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा। स्वीप कार्यक्रम केे तहत लगातार मतदान जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत पहले से बेहतर करना हमारे लिए एक चुनौती है और इस कार्य को सफल करने में हमें अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। हम सभी लोगों को जागरूक करने के साथ ही स्वयं भी इस बात का निश्चय करें कि हम अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करेंगे।

सवाल: लोकसभा में महिला कर्मियों की किस प्रकार भूमिका रहेगी?

जवाब: लोकतंत्र के उत्सव में सभी को अपना बहुमूल्य वोट देकर कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए। इस उत्सव में सभी का बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। कुल मतदान दलों में से 3,320 महिला पीठासीन अधिकारी के अलावा सहायक पीठासीन अधिकारी प्रदेश में निर्वाचन की जिम्मेदारी संभालेंगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के बारे में

रीना बाबा साहेब कंगाले दुर्ग, दंतेवाड़ा व कोरबा कलेक्टर रह चुकी हैं। जनवरी 2020 से उन्हें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की जिम्मेदारी मिली है। वह 2003 बैच की आइएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म आठ मार्च 1978 को नागपुर में हुआ। उनके पिता नागपुर में पुलिस आयुक्त रह चुके हैं। कलेक्टर के साथ ही उन्होंने स्कूल,खनिज,वाणिज्यिक कर व अन्य विभागों के प्रमुख पदों पर सेवाएं दी है। 2023 में विधानसभा चुनाव में वह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) रही। लोकसभा में भी बतौर सीईओ उनके नेतृत्व में चुनाव कराया जा रहा है।

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