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पिता की याद में साइंस कालेज की लाइब्रेरी को दान की 33 किताबें, सभी गायब, बनाई गई जांच समिति

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रायपुर(विश्व परिवार)शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय में किताबें गायब होने के प्रकरण लगातार आ रहे हैं। कालेज की केंद्रीय लाइब्रेरी से गायब किताबों का अभी तक पता नहीं चला है। अब एक नया मामला सामने आया है। रसायन विभाग को दान में दी गई 33 किताबें भी गायब हो गई हैं। जिन्होंने यह बहुमूल्य किताबें रसायन विभाग को दान दी थी, उनके पुत्र ने विभाग से किताब गायब होने की शिकायत प्राचार्य डा. पीसी चौबे को पत्र लिखकर की है।

उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री और उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त को भी पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया है। मामले की जांच के लिए प्राचार्य ने छह सदस्यीय समिति बना दी है। समिति 25 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट प्राचार्य को सौंपेगी। प्रार्थी के अनुसार यह किताबें उनके पिता की स्मृति से जुड़ी हुई थीं।

प्राचार्य को पत्र लिखकर मांगी जानकारी

कंचन गंगा रोहिणीपुरम निवासी मनीष कुमार मूंधड़ा ने कालेज के प्राचार्य को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि मेरे पिता स्व. डा. जीएल मूंधड़ा शासकीय विज्ञान महाविद्यालय रायपुर में स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं के भूतपूर्व छात्र थे।

पढ़ाई पूरी करने के बाद इसी महाविद्यालय के रसायन विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य भी किया है। इसके पश्चात वे पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय चले गए। यहां सन 2006 में वे विभागाध्यक्ष (रसायन शास्त्र) तथा डीन (फेक्ल्टी आफ साइंस) के पद से सेवानिवृत्त हुए।

स्मृति में स्नातकोत्तर छात्रों के लिए दान की 33 किताबें

उन्होंने परिवार के समक्ष अपनी इच्छा व्यक्त की थी, कि निधन के पश्चात उनकी स्मृति में स्नातकोत्तर छात्रों के लिए रसायन विषय की विश्वस्तरीय 33 किताबें दान में दी जाएं, ताकि उनका उपयोग कर विभाग के छात्र अधिक से अधिक संख्या में लाभान्वित हों।

उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार हमने सत्र 2016-17 में तत्कालीन प्राचार्य डा. डीएन वर्मा तथा तत्कालीन विभागाध्यक्ष डा. शिप्रा वर्मा की अनुमति से विभाग को 33 बहुमूल्य किताबें दान में दी थी। डा. शिप्रा वर्मा ने इन किताबों की विभागीय रजिस्टर में एंट्री कर स्टाफ रूम में रखवाया था।

विभागीय लाइब्रेरी के तत्कालीन इंचार्ज प्राध्यापक के द्वारा इन किताबों को विभाग के शिक्षकों एवं छात्रों को इश्यू किया जाता था। इस बीच हमारे परिवार द्वारा स्व. पिताजी की आगामी पुण्‍यतिथि में उन किताबों को रखने के लिए स्टील की नई आलमारी दान देने का विचार आने पर हमने विभाग के शिक्षकों के समक्ष यह बात रखी। तब पता चला कि वो 33 किताबें लगभग तीन वर्षों से विभाग में नहीं हैं।

प्राचार्य साइंस कालेज रायपुर डा. पीसी चौबे ने कहा, किताबें गुम होने की शिकायत मिली है। छह सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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