रायपुर(विश्व परिवार)– नई तकनीक के विकास के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और आईआईटी इंदौर के मध्य सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसकी मदद से नई मेडिकल तकनीक पर शोध और अनुसंधान किया जाएगा। पहले चरण में एम्स को इस प्रकार की किट प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है जिनकी मदद से मेडिकल, नर्सिंग और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आसानी के साथ प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
एम्स की ओर से कार्यपालक निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) और आईआईटी इंदौर दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अमनदीप श्रीवास्तव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। श्री जिंदल ने बताया कि एमओयू की मदद से दोनों संस्थानों के मध्य शैक्षणिक आदान-प्रदान सुगम हो सकेगा। इससे नई तकनीक के विकास, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, शोध और अनुसंधान, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और सामाजिक कार्यों में नई पहल संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इसकी मदद से संयुक्त शोध परियोजनाओं पर कार्य करके नई तकनीक विकसित करने का प्रस्ताव है जिसकी मदद से विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का आसानी के साथ मुकाबला किया जा सकता है।
एमओयू के पहले चरण में एम्स को ऐसे सिम्युलेटर और किट प्रदान किए जाने की योजना है जिससे स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। इनकी मदद से प्रारंभिक चिकित्सा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। एमओयू के कार्यान्वयन के लिए ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप भी बनाए जाने का प्रस्ताव है। इस अवसर पर अधिष्ठाता (शोध) प्रो. सरिता अग्रवाल और सीईओ आदित्य व्यास भी उपस्थित थे।