उत्तराखंड(विश्व परिवार)– अक्षय तृतीया पर उत्तराखंड स्थित केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरुआत हो गई है. दुर्गम पहाड़ों पर स्थित इन पवित्र तीर्थ स्थानों पर जाने के लिए हर श्रद्धालु बेकरार रहता है. हर साल लाखों भक्त पथरीले और उबड़ खाबड़ रास्ते से ट्रैकिंग करते हुए समुद्र तल से काफी ऊंचाइयों पर बने इन दिव्य मंदिरों तक पहुंचते हैं. भगवान का दर्शन करने के लिए जोश से भरे इन लोगों में उम्र की कोई बंदिश नहीं होती. इस कारण कई बार बुजुर्गों, बच्चों या पहले से दिल के मरीजों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है |
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर जाने वालों को ऊंचे पहाड़ों तक ले जाकर दर्शन करवाने के लिए हेलीकॉप्टर सुविधा भी मिलती है, लेकिन महंगा होने के चलते यह सबके पहुंच में नहीं होती. ज्यादातर तीर्थ यात्री पैदल ही यह यात्रा करते हैं. पहाड़ों में कई किलोमीटर तक चढ़ाई करना बहुत सारे लोगों के लिए बेहद मुश्किल हो जाता है. खासकर, दिल के मरीजों के लिए चार धाम यात्रा में मुश्किल हो सकती है. कुछ सालों में इन यात्राओं में दिल का दौरा पड़ने से कुछ तीर्थयात्रियों की मौत की खबर भी सामने आई थी. इस बारे में हमने बात की कार्डियोलॉजिस्ट विकास ठाकरा से और उनसे जानने की कोशिश की कि वे कौन से मेडिकल टेस्ट हैं जो चार धाम यात्रा से पहले करा लेने चाहिए और अपनी शारीरिक क्षमता को समझना चाहिए |
बढ़ती भीड़ और सेहत की दिक्कतों को लेकर सावधानी जरूरी
चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ और सेहत की दिक्कतों को लेकर राज्य सरकार ने लोगों से अपनी देखभाल और यात्रा से पहले रजिस्ट्रेशन के साथ ही मेडिकल टेस्ट करवाने की सलाह भी दी थी. आइए, जानते हैं कि हार्ट अटैक या दिल का दौरा क्यों आता है, इसके कारण और लक्षण क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है. साथ ही अगर कोई दिल का मरीज चार धाम यात्रा पर जाना चाहे तो उन्हें कौन से मेडिकल टेस्ट करवाने चाहिए और यात्रा के दौरान कैसे सेहत की देखभाल करनी चाहिए |
तीर्थ यात्रियों को इन दो वजहों से होती है दिल की परेशानी
कार्डियोलॉजिस्ट विकास ठाकरान के मुताबिक, चार धाम यात्रा के दौरान आम तौर पर दो परेशानियां होती हैं. पहाड़ों की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है और ज्यादातर तीर्थ यात्रियों को इस तरह की चढ़ाई पर चलने की आदत नहीं होती है. इन दोनों के चलते हार्ट की नसों में खिंचाव और स्ट्रेस आता है. इसके चलते कई बार समय पर इलाज नहीं मिलने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है |
चार धाम यात्रा से पहले कौन से मेडिकल टेस्ट कराने चाहिए
कार्डियोलॉजिस्ट विकास ठाकरान ने कहा कि ‘इन दिनों युवा लोगों में भी हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने में आ रही है. इसलिए, किसी भी आयु वर्ग के तीर्थ यात्री हों, उन्हें चार धाम यात्रा शुरू करने से पहले मेडिकल जांच करानी चाहिए. खासकर फिजिकल फिटनेस की जांच तो जरूर करानी चाहिए |’
– इस साधारण टेस्ट में ट्रेडमिल या स्ट्रेचिंग करा कर देखा जाता है कि आप अपने हार्ट को कितना स्ट्रेस दे सकते हैं |
– इस तरह के कुछ और टेस्ट में फिट आने पर ही चार धाम की यात्रा करनी चाहिए. टेस्ट में परेशानी आने पर पहले फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए. नहीं तो यात्रा के दौरान हार्ट बढ़ते स्ट्रेस को झेलने में हाथ खड़े कर सकता है |
– उम्रदराज और दिल की बीमारी वाले लोगों को चार धाम की यात्रा पर जाने से पहले हेल्थ टेस्ट के साथ ही उससे जुड़े ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच भी करवानी चाहिए |
– डॉक्टर्स का कहना है कि ऊंचे जगहों पर जाने से पहले ऐसे लोगों के लिए इको टीएमटी जांच, खून की जांच और ईसीजी कराना बेहद जरूरी है. अगर पहले से कोई और अंदरूनी बीमारी है तो सावधानी के साथ उसकी जांच भी करवा लेनी चाहिए |
दिल के मरीजों को अगर ऐसे लक्षण दिखें, तो हेल्थ केयर सेंटर पहुंचे
इन सब एहतियातों के बावजूद अगर चार धाम की यात्रा के दौरान कोई दिक्कत हो तो तुरंत नजदीकी हेल्थ केयर सेंटर में संपर्क करना चाहिए. मेडिकल प्रोफेशनल्स का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है. इन लक्षणों को गलती से भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इन लक्षणों में छाती या बाहों में दबाव, जकड़न या दर्द, इसके गर्दन, जबड़े या पीठ तक फैलने का अहसास, यात्रा के दौरान जी मिचलाने, अपच या पेट दर्द की समस्या, सांस लेने में दिक्कत, अधिक पसीना आना, लगातार थकान महसूस होना और चक्कर आना वगैरह शामिल है |