Home इंदौर इलेक्ट्रानिक मीडिया से जो परोसा रहा है उससे माता-पिता की छाया ही...

इलेक्ट्रानिक मीडिया से जो परोसा रहा है उससे माता-पिता की छाया ही बचा सकती है – आचार्य श्री वर्धमान सागर

95
0

बांसवाड़ा(विश्व परिवार)– वर्तमान दौर में आधुनिकता का इतना प्रभाव है कि बच्चे माता-पिता से दूर होते जा रहे हैं और उसकी जगह मोबाइल का सोशल मीडिया लेता जा रहा है। ऐसे में माता-पिता की छायारुपी छतरी ही इस बरसात से बचा सकती है। उक्त उद्गार आचार्य श्री वर्धमान सागर ने विशेष प्रवचन में व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि बच्चों पर नियंत्रण ही खत्म हो चुका है क्योंकि माता-पिता स्वयं मोबाइल सोशल मीडिया में खोये रहते हैं। हालात तो ये हो गये हैं कि भोजन करते वक्त भी हाथ में मोबाईल रहता है। जब इस संबंध में किशोंरो से समझाईश की गयी तो उन्होंने कहा कि माता-पिता के हाथों में भी तो मोबाईल रहता है ऐसे में हम क्या करें। जब उनसे पूछा गया कि क्या गुरुकुल पद्धति लानी होगी तो आचार्य ने कहा कि अब गुरुकुल भी आधुनिकता के रंग में रंगते जा रहे हैं। हाल ही में एक छात्रावास का अध्ययन किया गया तो मोबाईल संदेशों की बड़ी-बड़ी फाईलें तैयार हो गयी। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को शालीनता की जरुरत है ताकि वो गलत रास्ते पर न बढ़ सके। इसके लिये जरुरी है कि परिजन स्वयं सोशल मीडिया से मुक्ति पाएं और संयुक्त परिवार की रचना पुन: की जाये। समाज अध्यक्ष सुमतीलाल बोहरा और महामंत्री महावीर नशनावत अनुसार मुनि हितेन्द्र सागर ने कहा कि साधु-संत समय-समय पर समाज को दिशा दिखाते रहते हैं लेकिन जब तक संयुक्त परिवार नहीं होगा तब तक खुशियां हमारे द्वार नहीं आयेंगी। मुनि श्री मुमुक्षु सागर जी ने उपदेश में बताया कि आत्मा अनादिकाल से कर्मो में जकड़ी है। देव शास्त्र ,संत समागम ,दान पूजा से पुण्य रूपी संपदा से कर्मो का क्षय होकर सुख प्राप्त होता हैं ।आचार्य श्री संघ मोहन कॉलोनी बांसवाड़ा में विराजित हैं बाहर से आए अतिथियों का समाज द्वारा स्वागत किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here