Home ललितपुर गणनी आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी का संघ सहित धर्म नगरी ललितपुर...

गणनी आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी का संघ सहित धर्म नगरी ललितपुर में 23 मई को हुआ भव्य मंगल प्रवेश महिलाओ ने कलश यात्रा निकाली

71
0

ललितपुर (विश्व परिवार)| रत्नों मूंगे की नगरी मुंगावली मध्य प्रदेश की कोहिनूर 60 वर्षीय गणनीआर्यिका परम पूज्य 105 श्री सृष्टि भूषण माताजी एवम् आर्यिका श्री विश्वयश मति जी का प्रथम बार बुंदेलखंड के सिद्ध क्षेत्र के लिए प्रभावना पूर्वक बिहार चल रहा है। ललितपुर मंदिर पंचायत के डा अक्षय, आकाश जैन अक्षय अलया मीडिया प्रभारी अनुसार आर्यिका संघ का ललितपुर में प्रथम बार प्रवेश 23 मई को हुआ। आर्यिका संघ की मंगल शोभा यात्रा का दिगंबर जैन अटा मंदिर में समापन हुआ।जुलूस में शताधिक महिलाए मंगल कलश मस्तक पर धारण कर चल रही थी नगर के पुरुष वर्ग परंपरागत सफेद परिधान में और समाज के विभिन्न महिला धार्मिक मंडल नियत वेशभूषा मैं अनुशासन में भक्ति पूर्वक नृत्य कर जुलूस की शोभा में वृद्धि कर रहे थे । ललितपुर समाज के निवेदन को स्वीकार करआर्यिका संघ ने आज नगर के जिनालयों के दर्शन कर श्री का अभिषेक शांति धारा का वाचन किया । मंदिर में धर्म सभा में चित्र अनावरण ,दीप प्रवज्जलन और आर्यिका संघ को जिनवाणी भेंट राहुल मुंगावली सुरेंद्र इंदौर श्रीमती सुषमा भोपाल राजेश पंचोलिया इंदौर ,निधि देहली मुकेश नजफगढ़ ,अरुण टीकमगढ़,राजेंद्र टीकमगढ़ महेंद्र बानपुर एवम बाहर से पधारे अतिथियों द्वारा किया गया ।मंगलाचरण द्वारा ज्योति जैन ने प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण आकाश जैन महामंत्री ने दिया उपरोक्त बाहर से पधारे आर्यिका संघ के परिजनों का एवम टीकमगढ़ ,बानपुर, बड़ा मल्हारा , नजफगढ़ स्वागत मंदिर पंचायत कमेटी एवम महिलाओं द्वारा किया गया।मीडिया प्रभारी अक्षय अलया एवम डा सुनील संचय अनुसार आर्यिका श्री विश्वयश मति माताजी ने प्रवचन को पर वचन निरूपित किया।मुश्किल से मिले मनुष्य जीवन में जिनालय संत समागम से छोटे छोटे नियम लेने और संस्कार शिविर के माध्यम से जीवन के निर्माण करने की प्रेरणा दी।आपका जीवन भी नीचे से ऊपर उठे। गणनी आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी ने छोटे सरल भाषा में उपदेश में बताया कि आज प्रारंभ संस्कार शिविर से जीवन में बदलाव लाने का प्रयास पुरुषार्थ करें। मकान जायदाद की बहुत रजिस्ट्री कराई हैं अब परमात्मा के यहां पहुंचने टिकट ,रजिस्ट्री रतनत्रय धर्म के माध्यम से करावे जिससे संसार में जन्म मरण के आवागमन से मुक्त हो जावेगे। माताजी ने बस्ती और मरघट की व्याख्या की।प्रत्येक होने वाली मृत्यु यह संदेश चिंतन का अवसर देती है की एक दिन हमारा भी मृत्यु का नंबर आयेगा। आज से 10 दिवसीय नगर के अनेक मंदिरों में संस्कार शिविर का शुभारंभ एवम मंगल कलश की स्थापना पुण्यार्जक परिवार द्वारा आर्यिका संघ सानिध्य में की गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here