बीजापुर (विश्व परिवार)। 1 लाख 68 हजार 991 मतदाता संख्या वाले बीजापुर विधानसभा में चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. इस सीट पर मुकाबला एकतरफा ना होकर कांग्रेस-भाजपा में कांटे की टक्कर है. कांग्रेस से वर्तमान विधायक विक्रम शाह मंडावी तो भाजपा से पूर्व मंत्री महेश गागड़ा एक बार फिर आमने-सामने है बता दें कि 2013 में महेश ने विक्रम मंडावी को 9487 तो 2018 में विक्रम ने महेश को 21584 के विशाल मतों के अंतर से शिकस्त दी थी. पिछले दो चुनाव में एक-एक गोल दाग चुके विक्रम-महेश में एक बार फिर आमने-सामने होने से बीजापुर विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें बनी हुई हैं
इस सीट पर एक समय कांग्रेस के पक्ष में रूझान था. विधायक विक्रम मंडावी की जमीनी सक्रियता का सीधा लाभ उन्हें चुनाव में मिलने की बात कही जा रही थी, लेकिन कांग्रेस से निष्कासित अजय सिंह के विक्रम के खिलाफ बगावती तेवर, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के आरोपों के अलावा संगठन में दबी जुबानी कार्यशैली से नाराजगी और आश्वासनों पर अमल ना होने से लोगों की तीखी प्रतिक्रिया उभरकर सामने आने से चुनाव से ऐन पहले विक्रम के पक्ष में माहौल बनने की बजाए बिगड़ता गया, जिसका फायदा चुनाव में भाजपा को मिलता दिख रहा है हालांकि, टिकट की घोषणा से पहले तक जिल से नदारद रहे भाजपा से प्रत्याशी महेश गागड़ा को लेकर भी जनमानस में नाराजगी बरकरार है, बावजूद वर्तमान विधायक की कार्यशैली, भ्रष्टाचार, बीजापुर के एक कथित ठेकेदार से पार्टनरशिप और संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से उनकी दूरियां विक्रम के खिलाफ एंटी-इंकम्बेंसी खड़ी करती दिख रही है, जिसे भाजपा पूरी तरह भुनाने में लगी हुई है.