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तीसरी बार सत्‍ता में आए तो पीएम मोदी किस देश का दौरा करेंगे? विदेश मंत्रालय ने बताया

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नई दिल्‍ली(विश्व परिवार) लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आखिरी चरण का चुनाव बाकी है। बीजेपी की अगुवाई में एनडीए और कांग्रेस की अगुवाई में इंडिया गठबंधन के द्वारा सरकार बनाने के दावे किए जा रहा हैं। इस सबके बीच कूटनीतिक स्तर पर नई सरकार की तैयारी शुरू हो चुकी है। नई सरकार बनते ही नए प्रधानमंत्री विभिन्न देशों का दौरा करेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद जो भी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे उनकी पहली यात्रा इटली की हो सकती है। वहां, 13 से 15 जून के बीच जी-7 की बैठक होने वाली है।

भारत सरकार का विदेश मंत्रालय जी-7 शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहा है। इस सम्मेलन में दुनिया के सबसे उन्नत देश वैश्विक आर्थिक स्थिति, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध के प्रभावों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

जी-7 बैठक से पहले भारत सरकार के विदेश मंत्री 11 जून को रूस में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। रूस अक्टूबर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। भारत के प्रधानमंत्री जुलाई में कजाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा सकते हैं। इससे पहले जून के अंतिम सप्ताह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत की यात्रा पर आ सकती हैं। कजाकिस्तान में भारत के प्रधानमंत्री की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की संभावना है।

स्विटजरलैंड में यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन आयोजन

जी-7 देशों की बैठक के बाद स्विटजरलैंड में यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन होने वाला है। हालांकि, इस सम्मेलन में भारत से न तो प्रधानमंत्री शामिल होंगे और न ही विदेश मंत्री जाएंगे। शिखर सम्मेलन के लेकर रूस ने आपत्ति जताई है। सचिव स्तर का कोई अधिकारी भारत का प्रतिनिधित्व कर सकता है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अभी तक शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि नहीं की है।

फिर एक बार कूटनीति केंद्र में होगी

अगले महीने प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण से ही कूटनीति केंद्र में आ सकती है। 2014 और 2019 की तरह विदेश मंत्रालय भारत के रणनीतिक और आर्थिक हितों के अनुरूप शपथ ग्रहण समारोह के लिए गेस्ट लिस्ट तैयार कर रहा है। यदि मोदी सरकार वापस आती है अफ्रीकी देशों के साथ-साथ खाड़ी देशों को भी आमंत्रण भेजा जा सकता है। यूएई, सऊदी अरब और ओमान जैसे देशों को आमंत्रण भेजा जा सकता है। इस सूची में भारत के पड़ोस के कुछ देश भी शामिल हो सकते हैं। मोदी सरकार ने 2014 और 2019 में SAARC और BIMSTEC नेताओं को आमंत्रित किया था।

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